Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 784
________________ मणिपेढिया-मणोगय ७०७ मणिपेढिया [मणिपीठिका] रा० ३६,३७,६६,६७, १६३,१६८. रा० २८२,८१५. जी० ११८२; २१८,२१९,२२१,२२२,२२४ से २२७,२३०, ३।८८,१२६,४४८,५५६,५६६,५६८ से ६००, २३१,२३८,२३६,२४२ से २४७,२५२,२५३, ६०३,६०५ से ६२१,६२५, ६२७ से ६३१, २६१,२६५,२६७,२६६,३००,३०५ से ३११, ७६५,८४१,११३७; ६॥२५४ ३१७ से ३२१, ३३८, ३४४ से ३४७,३५२ मणुयरायवसभ [मनुजराजवृषभ ] ओ० ६५ से ३५४,४१४,४७४,५३४,५६५. मणुयलोग [मनुजलोक ] जी० ३१८३८।१,४ से ६ जी० ३।३१०,३११,३६५,३६६,३७७.३७८, मणुयलोय [ मनुजलोक] जी० ३१८३८।३ ३८०,३८१,३८३ से ३८६,३६२,३६३,४००, मणुस्स [ मनुष्य] ओ० ७३,१७०. रा० २७,७३२, ४०१,४०४ से ४०६,४१३,४१४,४२२,४२३, ७३७,७७१. जी० ११५१,५४,५५,५६,६१,६५, ४२७,४२८,४५७,४६५,४७० से ४७४,४८२ ७६,८७,६१,६६,१०१,११६,१२३,१२६,१२६, से ४८६,५०३,५०६ से ५१२, ५१६ से ५१६, १३४,१३६; २।२,११,१४,२६ से ३०, ३२ से ५२६,५३३,५४०,५४८,५५७,६३४,६४६, ३४,५४, ५७ से ६१,६५,६६,६८,७०,७२,७५, ६५०,६६३,६७१ से ६७५,७५८,७५६,७६५, ७७,८०,८४,८५,८८,६६,१०६,११४,११५, ७६८,७७०,८६१ से १००,६०६,६०७ १२३,१२४,१३२ से १३४, १३७,१३८,१४३, मणिमय [मणिमय रा० १६,२०,३६,३७,१३०, १४५, १४७,१४६; ३३१,८४,११८,२१२ से १३५,१३८,१७५,१६०,२१८,२२१,२२४, २१५, २१७ से २२५,२२७ से २२६,२८०, २२६,२२८,२३०,२३८,२४२,२४४ से २४६, ५७६,८३६,८३८।१३,८४०,११३२,११३५, २६१,२७०,२७६,२८०. जी० ३।२६५,२८७, ११३८, ६।१४,६,१२, ७.१,६,१२,१७,१८, २८८,३००,३०५,३११,३१३,३२२,३५३, २०,२३, ६।१५६,१५८,२०६,२१८,२२०, ३६५,३७७,३८०,३८३,३८५,३६२,४००, २३१ ४०४,४०६ से ४०८,४१३,४२२,४२७,४३५, मणुस्सखेत्त [मनुष्यक्षेत्र] जी० १।१२७; ३।२१४, ४४३,४४५,६४६,६४६६५४,६७१,७५८, ८३५ से ८३७,८३८।२१ ८६१,८६३,८६५,८६७,८६६,६०६ मणुस्सजोणिय [मनुष्ययोनिक ] जी० २।६६ मणियंग [मण्यङ्ग] जी० ३३५६३ मणुस्सत्त [मनुष्यत्व] ओ० ७३ मणिलक्खण मणिलक्षण] ओ० १४६. रा० ८०६ । मणुस्सिद [मनुष्येन्द्र] ओ० १४. रा० ६७१ मणिवट्टक [मणिवृत्तक ] जी० ३:५८७ मणुस्सी [मानुषी] जी० ३:५७६; ६।११४,६,१२; मणिसिलागा [ मणिशलाका] जी० ३।५८६,८६० ६।२०६,२१८,२२० मणुई [मनुजी] जी० ३३५६७ मणूस [मनुष्य ] ओ० १. जी० ३।६६३,६६७; मणुण्ण [मनोज्ञ] ओ० ४३,६८,११७. रा० ३०, ६।२१२,२२१,२२५,२२६,२३२,२३७,२३८, ४०,७८,१३२,१३५,१७३,२३६,७५० से २४५,२४६,२५०,२५१,२५५,२६७,२७२, ७५३, ७७४,७९६. जी. १।१३५, ३।२६५, २७३,२८१,२८२,२८६,२८७,२६०,२६३ २८३,२८५,३०२,३०५,१०६०,१०६६,१११७ मणूसपरिसा [मनुष्यपरिषद् ] ओ० ७८ मणुष्णतराय मनोज्ञतरक] रा०२५ से ३१,४५. मणुसी [मानुषी ] जी० ६।२१२ जी० ३।२७५ से २८४, ६०१ मणोगम [मनोगम] ओ० ५१ मणुय [भनुज] ओ० ४४,६८,६०,६१,६३,१६१, मणोगय [मनोगत] रा० ६,२७५,२७६,६८८, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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