Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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बालभाव-बुक्कार
६९७
बालभाव [बालभाव ] रा० ८०६,८१०
बाहिरिया [बाहिरिका] ओ० १८,२०,५३,५५, बालविहवा [बालविधवा] ओ० ६२
५८,६० से ६३ रा०६८३,६८५,७०८,७५४, बालिय [बाल] रा० ४५
७५६,७६२,७६४ बावट्ठ [द्वाषष्टि] जी० ३।३२
बाहिरिल्ल [बाह्य ] जी० ३।७२३,१००७ बावट्टि [द्वाषष्टि] रा० २०६. जी० ३.६१ बाहु [बाहु] ओ० १६. रा० १२,७५८,७५६. बावण्ण [द्विपञ्चाशत् ] जी० ३३६५
जी० ३।११८,५९६ बावत्तर द्विासप्तति] जी० ३.६३२
बाहुजुद्ध [बाहुशुद्ध] ओ० १४६. रा० ८०६ बावत्तरि [द्वास प्नति रा० २०६. जी० ११११६ बाहुजोहि [ बाहुबोधिन् ] ओ० १४८,१४६. बावन्न [ द्विपञ्चाशत् ] ओ० १२६
रा० ८०६,८१० बावीस [द्वाविंशति] ओ० १५४. रा० ८१६.
बाहुप्पमद्दि [बाहुप्रमदिन् ] ओ० १४८,१४६. जी० ११५६
रा० ८०६,८१०
बिइय[द्वितीय] ओ० ४७,१७६,१८२. बाहल्ल [बाहल्य] ओ० १६२. रा० ३६,१३७.
जी० ३।२२६ १८८,२१८,२२१,२२४,२३०,२३८,२४२,
बिट [वृन्त] रा० २२८ २४४,२४६,२५२,२६१,२७२. जी० ३.५,१४
बिदिय [ द्वीन्द्रिय ] ओ० १८२ से २७,३६ से ४७,५२,७३ से ७५,७७,८०,
बिदु [बिन्दु] ओ० २३ १२४,१२५,१२७,२३२,२५७,३०७,३१०,
बिबफल [बिम्बफल] ओ० १६,४७. जी० ३।५९६ ३५५,३६१,३६५.३७७,३८०,३८३,३८५,
बिहणिज्ज [बृहणीय] जी० ३।६०२,८६०,८६६, ३६२,४००,४०४,४०६,४०८,४१३,४२२,
८७२,८७८ ४२७,४३७,६३४,६४२,६४४,६४६.६५३,
बिब्बोयण [दे०] रा० २४५. जी० ३।४०७ ६५५,६६८,६७१,७२४,७२५,७२७,७२८,
बिलपंतिया [ बिलपंक्तिका] रा० १७४,१७५,१८०. ७५८,८६१,८६३,८६५,८६७,८६६,६०६,
जी० ३१२८६,२८७,२६२,५७६,६३७,७३८, १००६,१०१० से १०१४,१०६५,१०६६
७४३,७६३,८५७,८६३ बाहा बाहु] ओ० ११६. जी०३।३५४,४१५
बिसालग | द्विशालक] जी० ३१५६४ बाहिं [बहिस्] रा० ७७२. जी० ३१७७
बीभच्छ [बीभत्स ] जी० ३।८४ बाहिर बाह्य ] ओ० ६. रा० ४३. जी० ३१७८, बीय [बीज] ओ० १३५,१८४ २३६,२७५,६४३.६८१,७६८,७६९,७७५,
बीय [ द्वितीय ] ओ० १७४ ८३१,८३८।१२,८४५,१०५५
बोयग [बीयक] जी० ३।२८१ बाहिरग [बाहिरक, बाक] जी० ३१७८४,७८७
बीयगुम्म [बीजगुल्म] जी० ३।५८० बाहिरय [बाहिरकः, बाह्यक ] ० ३०,३१,३७. बीयबद्धि बीजबद्धि] ओ० २४
जी० ३१६५८,७८२,७८६,७८७.६६० से १६७ बीयमंतबीजवत् ] ओ० ५,८. जी० ३१२७४ बाहिरिय [बाहिरिक, बाह्यक] रा० ६६२.
बीयय [बीयक] रा० २८ जी ० ३।२३५ से २३६,२४१ से २४३,२४६, बीयासत्तराई दिया [ द्वितीयसप्तरात्रिदिवा] ओ० २' २४७,२४६,२५०,२५४ से २५६,२५८,३४३, बीयाहर [बीजाहर] ओ० ६४ ४४७,५६०,७३३,८४२,१०४० से १०४२.
बुक्कार दि०]--बुक्कारेति. रा०२८१. १०४४,१०४६,१०४७,१०४६ से १०५३
जी० ३।४४७
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