Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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६७२
पडिपाय-पडिविसज्ज पडिपाय [प्रतिपाद] रा० २४५
३१६,३२३ से ३२६,३२८ से ३३०,३३३, पिडिपिधा [प्रति+पि+धा]-पडिपिधेइ. जी० ३३४,३३७,३४७,३४८,३५२,३५३,३५५,३६१, ३५१६
३६५,३७२,३७७,३८०,३८१,३८३,३८५,३८७, पडिपिधेत्ता [प्रतिपिधाय] जी० ३।५१६
३६०,३६२,३६३,३६६,४००,४०१,४०४,४०६ पिडिपुच्छ [प्रति+प्रच्छ] - पडिपुच्छंति. ओ० ४५ ।। से ४०८,४१०,४१३,४१४,४१८,४२२,४२७, पडिपुच्छण [प्रतिप्रच्छन] ओ० ५२. रा० ६८७ ४३७,५८१,५८४,५८५,५६६,५६७,६३२,६३६, पडिपुच्छणा [प्रतिप्रच्छना] ओ० ४२
६४४,६४६,६४६,६५५,६६१,६६८,६७१,६७२, पडिपुच्छणिज्ज [प्रतिपृच्छनीय रा० ६७५
६७५,६८६,७२४,७२७,७३६,७५८,८३६,८५७, पडिपुण्ण [प्रतिपूर्ण] ओ० १४,१५,१६,६३,७२,
८६३,८८१,८८२,८६१,८६३ से ८६५,८९७, १२०,१४३,१५३,१६२, १६५,१६६,१७०. ८६६,६०४,६०६,६०७,६११,६१८,१०३८, रा० १३१,१४७,१४८,१५०,१५२,२८०,२८६,
१०३६,१०८१,११२१,११२२ ६७१ से ६७३,६६८,७५२,७८६,८०१,८१४. पडिरूवग प्रतिरूपक] रा० १६.२०,१७५ से १७६, जी० ३।३०१,३२३,३२५,४४६,४५२,५६२,
२०२,२३४,२६४. जी० ३।२८७,२८८,३६३, ५६६,५६७,६१०
३९६,५७६,६४०,६४१,६६६.६८४ पडिपुण्णचंद [प्रतिपूर्णचन्द्र] जी० ३१८६,२६०
पडिरूवय [प्रतिरूपक] रा०१६,४७,४८,५६,५७, पडिपान [प्रतिपूर्ण] जी० ३।५९६
२७७,२८८,३१२,४७३,६५६. जी०३।४४३, पडिबंध [प्रतिबन्ध] ओ० २८. रा० ६६५,७७५
४५४,४७७,५३२,५५६ पडिबद्ध [प्रतिबद्ध] जी० ३।२२
पिडिलाभ [प्रति+लाभय-पडिलाभिस्संति. पडिबोहण [प्रतिबोधन] रा० १५
रा० ७०४.-- पडिलाभेइ. रा० ७१६. पडिबोहिय [प्रतिबोधित] ओ० १४८,१४६. रा.
-पडिलाभेज्जा. रा० ७७६ ८०६,८१०
पडिलामेमाण [प्रतिलाभयत् ] ओ० १२०,१६०. पडिमट्ठाइ [प्रतिमास्थायिन् ] ओ० ३६
रा० ६६८,७५२,७८६ पडिमोयण [प्रतिमोचन] जी० ३।२७६,५८१,५८५
पिडिलेह [प्रति + लिख्] —पडिले हेइ. रा० ७६६ पडियाइक्खिय [प्रत्याख्यात ] ओ० ११७
पडिलोम [प्रतिलोम] रा० ७५३,७६७,७६८,७७६, पडिरूव [प्रतिरूप] ओ० ७,१० से १२,१५,७२,१६४.
७७७ रा० १,२,१६ से २३,३२,३४,३६ से ३८,
पडिवंसग [प्रतिवंशक] रा० १३०. जी० ३।३०० १२४ से १२८, १३० से १३४,१३६,१३७,
पडिवज्ज [प्रति-- पद्] —पडिवज्जइ. १४१,१४५ से १४८,१५० से १५३,१५५ से
ओ०१८२. रा० ७७५.--पडिवज्जति. १५७,१६०,१६१,१७४,१७५,१८० से १८५,
ओ० १५७...पडिवज्जिस्यामि. रा०६९५. १८८,१६२,१६७,२०६,२११,२१८,२२१,२२२,
-पडिवज्जिस्सामो. ओ० ५२. रा०६८७ २२४,२२६,२२८,२३०,२३१,२३३,२३८,२४२, २४४ से २४७,२४६,२५३,२५६,२५७,२६१,
" पडिवज्जित्ता [प्रतिपद्य ] ओ० १५७ २७३,६६८ से ६७०,६७२,६७३,६७६,६७७,
पडिवण्ण [प्रतिपन्न] ओ० २४,७८,८२,१८२ ७००,७०२,७०३. जी०३।२३२,२६० से २६३, पडिवत्ति [प्रतिपत्ति] जी० ॥१०; ६८ २६६ से २६६,२७६,२८६ से २६७,३०० से पडिविरय [प्रतिविरत] ओ० १६१,१६३ ३०४,३०६ से ३०८,३१० से ३१२,३१८, पिडिविसज्ज [प्रति---वि+सर्जय]
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