Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 648
________________ आगारभाव - आताडिज्जंत आगारभाव [आकारभाव ] जी० ३।२१८,५७८, ५६६, ५६७ आगास [ आकाश ] ओ० १३,१६ आगासत्यिका [ आकाशास्तिकाय ] रा० ७७१. जी० ११४ आग refथग्गल [ आकाश थिग्गल' ] रा० २५ जी० ३२७८ आगासफलिह [आकाशस्फटिक ] जी० ३।४५१ आगासफालिह [आकाशस्फटिक) । रा० २=५ आगासाsars [ आकाशातिपातिन् ] ओ० २४ आगासिय [ आकाशिक ] ओ० १६ आगिति [ आकृति ] रा० २८८. जी० ३।३२१ / आघव [ आ + ख्या ] - आघविज्जति जी० ३।८४१ आघवण [आख्यान ] रा० ७७४ आघवित्त [आख्यातुम् ] रा० ७७४ आघवेमाण [आख्यात् ] ओ० ६८ आजीवविट्ठत [आजीवदृष्टान्त ] जी० ३ ॥१७४ आजीवय [ आजीवक ] ओ० १५८ √ चाह [ आ + धा] - आडहइ, ओ० ५६ आहिता [ आधा ] ओ० ५६ आढय [आढक ] ओ० ११३,१३८. रा० ७७२ आढा [ आ + दृ] - आढाइ रा० ६४. - आढाति रा० ७५३ आणंदा [ आनन्दा] जी० ३।९१४ आनंदिय [ आनन्दित ] ओ० २०, २१, ५३, ५४,५६, ६२,६३,७८,८०, ८१. रा० ८, १०, १२ से १४, १६ से १५,४७, ६०, ६२, ६३, ७२, ७४, २७७, २७६,२८१,२६०,६५५,६८१,६८३,६६०,६६५. ७००, ७०७,७१०,७१३,७१४, ७१६,७१८, ७२५, ७२६,७७४,७७८. जी० ३।४४३, ४४५, ४४७, ५५५ आणण [ आनन] ओ० ५१,६३,६५ आणत [आनत ] जी० २६२,६६, १४८, १४६; ३३१०८४, १०८६, १०८८ Jain Education International ५७१ आत्तिया [ आज्ञप्तिका ] ओ० ५५ से ६१. रा० ६,१२,१७,४६,७३,११८,६५४,६५५, ६८१, ६८२,६०,६१,७०६, ७१४, ७१५, ७२४, ७२५. जी० ५५४,५५५ आणपाणपज्जत्ति [आनप्राणपर्याप्ति, आनापान - पर्याप्ति ] रा० २७४, ७६७ आपण पज्जत्ति [आनप्राणपर्याप्ति, आनापान - पर्याप्ति ] जी० १/२६ आय [ आनत ] ओ० ५१,१६२. जी० ३।१०३८, १०५३, १०६२, १०६६, १०६८, १०७६, ११११ √ आणव [ आ + ज्ञापय् ] - आणविज्जइ रा० ७६७. - आणवेइ रा० १३. आणवेज्जा रा० ७७६ आणा [ आज्ञा ] ओ० ५६,५७,५६,६१,६८,७६, ७७. रा० १०, १४, १८, ७४, २७६, २८२,६५५, ६८१,७०७. जी० ३।३५०, ४४५, ४४८, ५५५, ५६३,६३७ आणापाणु [ आनापान, आनप्राण ] ३१८४१ ओ० २८. For Private & Personal Use Only जी ० आणापाणु अपज्जत्ति [आनापानापर्याप्ति, आनाप्राणा पर्याप्ति ] जी० ११२७ आणापाणुपत्ति [आनापानपर्याप्ति, आनप्राणपर्याप्ति ] जी० ३।४४० आमित [आनामित ] जी० ३१५६७ आणामि [ आनामित ] ओ० १६ जी० ३।५९६ आणारुइ [ आज्ञारुचि ] ओ० ४३ आणाविजय ] आज्ञाविचय] ओ० ४३ √ आणी [ आ + नी ] -- आणस्सामि रा० ७२० आगामियत [ आनुगामिकत्व ] ओ० ५२. रा० २७५,२७६,६८७. जी० ३ : ४४१, ४४२ आणुपुव [ आनुपूर्व्य ] रा० १७४. जी० ३।२८६ आणुपुवी [आनुपूर्वी ] जी० ११४८ आतंक [आतङ्क ] जी० ३।६२८ आतंब [आताम्र ] जी० ३ ५६६ आतपत्त [आतपत्र ] जी० ३।४१६ आताडिज्जत [आताड्यमान ] रा० ७७ www.jainelibrary.org

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