Book Title: Uvangsuttani Part 04 - Ovayiam Raipaseniyam Jivajivabhigame
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 686
________________ गंडीपम-गज्ज ६०१ गंडीपय [गण्डीपद] जी० १११०३ मंडोवहाणय [गण्डोपधानक] रा० २४५ गंडोवहाणिया [गन्डोपधानिका] जी० ३।४०७ ।। गंता [गत्वा] ओ० १८२ जी० ३७८८ गतूंण [गत्वा] ओ० १६५ गंय [ग्रन्थ] रा० २६२. जी० ३।४५७ गंथिम [ग्रन्थिम] ओ० १०६,१३२. रा० २८५. जी० ३४५१,५६१ गंध [गन्ध ] ओ०२,१५,४७,५१,५५,६३,६७,७२. ६२,१४७,१६१,१६३,१६६,१७०. रा०६. १२,१३,३०,३२,४५,१३२,१५६,१५७,१७२, १६६,२३६,२५८,२७६ से २८१,२६१,२६२, ३५१,५६४,६५७,६७२,६८५,७१०,७१४, ७५१,७५३,७७१,७७४,७६४,८०२,८०८. जी० ११५,३६,५०,५८,७३,७८,८१:३।२२, ५८,८४,८७,६५,१२७,२७१,२८३,३०२,३०६, ३२६,३७२,३६८,४१६,४४५ से ४४७,४५१, ४५७,५१६,५४७,५७८,५८६,५६२,५९८,६०१, ६०२,६४५,६४८,६५६,७७.५,८६०,८६६, ८७२,८७८,६३७,६७२,६८२,१०७८,१०८१; १०६७,१११७,१११८,११२४ गंधओ [गन्धतस् ] जौ० ११३७,५० गंधकासाइ [गन्धकाषायिन्] ओ० ६३. रा० २८५. जी० ३१४५१ गंधग [गन्धाङ्ग] जी० ३११७० गंधजत्ति [गन्धयुक्ति] ओ० १४६ गंधतो [गन्धतस् ] जी० ३।२२ गंधद्धाणि [गन्धघ्राणि] ओ०७,८,१०. जी० ३।२७६ . गंधमंत [गन्धवत् ] जी ० १।३३, ३६, ३।५६२ गंधमादण [गन्धमादन] जी० ३।६६८ गंधमायण [गन्धमादन] जी० ३।५७७ गंधवट्टि [गन्धवति] ओ० २,५५,६२. रा० ६, १२,३२,१३२,२३६,२८१ जी० ३।३०२, ३७२, ४४७ .. गंधव [गन्धर्व] ओ० ४६.१२०.१४८.१४६. १६२. रा० १४१,१७३,१६२,६८५,६६८, ७५२,७७१,७८६. जी० २।१७; ३।२६६, २८५,३१८,५८८ गंधष्वकंठ [गन्धर्वकण्ठ] रा० १५५,२५८ जी० ३३२८ गंधव्वकंठग [गन्धर्वकण्ठक] जी० ३।४१६ गंधव्वघरग गन्धर्वगृहक] रा० १८२,१८३ जी. ३२६४ गंधव्वणट्ट [गन्धर्वनृत्य] रा० ८०६,८१० गंधवनगर [गन्धर्वनगर] जी० ३।६२८ गंधवाणिय [गन्धर्वानीक] रा० ४७,५६ गंधहत्थि [गन्ध हस्तिन् ] ओ०१४,१६,२१,५४ रा०८,२६२,६७१. जी० ३।४५७ गंधावति [गन्धापातिन् ] जी० ३३७९५ . गंधावाति [गन्धापातिन् | रा० २७६. जी. ३।४४५ गंधिय [गन्धिक] ओ०२,५५. रा०६,१२,२२,३२, १३२,२३६,२८१,२८५. जी० ३।३०२,३७२, ४४७,४५१ गंधीय [गन्धिक] जी० ३।२६० गंभीर [गम्भीर] ओ० १,५,८,१९,२७,४६,४६, ७१. रा० १३,१४,६१,१७४,२४५,८१३. जी० ३।८३,११८,११६,२७४,२८६,४०७, ५६६,५६७ गकारपविभत्ति [गकारप्रविभक्ति। रा०६५ गगण [गगन] ओ० २७,६४. रा० ५०,५२,५६, १३७,२३१,२४७,८१३. जी० ३।३०७,३६३ गच्छ [गम्]--गच्छ. रा०६८०.-गच्छइ. रा० १५-गच्छंति. ओ० १७१. जी० १५४. --गच्छति. रा० १३. जी० ३।४४०-गच्छह रा०९.-गच्छामि. रा० १६.-गच्छामो. ओ० ५२. रा०६८७.-गच्छाहि. रा० ६६६. - गच्छिहिति. ओ० १४० गच्छंत [गच्छत् ] ओ० ४० . गच्छित्तए [गन्तुम्] ओ० १०० गज्ज [गद्य] रा० १७३. जी० ३।२८५ गिज्ज [गर्ज]-गजंति. रा० २८१. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854