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वर्ष की थी । इनके पिता का नाम समुद्रविजय और माता का नाम शिवादेबी था । वसुदेव और कृष्ण इनके चचेरे भाई थे । महाभारत काल 1000 ईस्वी पूर्व माना जाता है और यही समय नेमि का ऐतिहासिक काल माना जाना चाहिये -- वैदिक वाङमय में वेद पुराण के साहित्य में नेमि का उल्लेख देखने को मिलता है 1 |
23 वें तीर्थङ्कर श्री पार्श्वनाथ ऐतिहासिक महापुरुष माने जाते हैं, उनके समय में, उत्तर प्रदेश विहार इत्यादि प्रान्तों में जैन-धर्म सुप्रचलित था, पौष विद 10 वि सं पू 820 ( ई. सन्, पू. 877) को जन्म वाराणसी (बनारस) में अश्वसेन राजा की वामा नाम की रानी की कुक्षि से हुआ था । श्री पार्श्व कुमार जब युवावस्था में थे तब नगर के बाहर कमठ तापस की धूनी में अपने अवधिज्ञान से काष्ठ में जलते हुए सर्प को देख लिया तो तापस को दया बिना - धर्म, को करने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना, इस पर पार्श्व कुमार ने प्रत्यक्ष रूप में, यज्ञ काष्ठ की लकड़ी को तुड़वा कर, सर्प को बाहर निकलवाया | भगवान पार्श्वनाथ, अहिंसा - श्रमरण संस्कृति के अनुपालक थे, इनका निर्वाण 100 वर्ष की प्रायुष्य पूर्ण होने पर सम्मेत शिखर ( दक्षिण विहार से पार्श्वनाथ हिल) पर भगवान महावीर के निर्वाण से 250 वर्ष पहले वि. सं. पू. 720 ई. सं. पू. 777 हुआ था, उनका धर्म चतुर्याम के नाम से प्रसिद्ध हा । पाली ग्रन्थों में इसका उल्लेख है । गौतम बुद्ध के चाचा ate शाक्य निर्गन्थ श्रावक थे । भगवान् महावीर के पिता सिद्धार्थ राजा भी, इसी परम्परा के अनुयायी थे । इस प्रकार, बुद्ध धर्म की स्थापना से पूर्व, श्रमण (निर्ग्रन्थ) सम्प्रदाय काफी सुदृढ़ हो चुका था ।
श्रमरण भगवान् महावीर :
भगवान् महावीर का जन्म चैत्र शुक्ला 13 वि. सं. पू. 541 ( ई. सं. पू. 598) बिहार के क्षत्रिय कुंड गांव में हुआ था; सिद्धार्थ राजा की त्रिशला क्षत्रियाणी की कुक्षि से जन्म लिया था, घर और नगर में धनादिक की वृद्धि होने से माता पिता ने इनका नास 'वर्द्धमान' रखा और
1. "Jainism the oldest Living Religion: J. P. Jain P. 22
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