Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 68
________________ [54] सम्पादन किया । जैन ही नहीं जैनेतरों ने भी सहयोग दिया । भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री फखरुद्दीन अली अहमद और तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने केन्द्रीय स्तर पर और राज्यपालों और मुख्यमन्त्रियों ने राज्य स्तर पर तथा जिलाधीशों ने जिला स्तर पर, सारे देश में इस महोत्सव हेतु समितियों का संयोजन कर, प्रोत्साहित किया और उदार दिल से आर्थिक सहायता भी प्रदान की। यहीं नहीं अमेरिका, इङ्गलण्ड और अन्य देशों में जहां भारत के राजदूतालय स्थित हैं, भगवान् महावीर का 2500 वां निर्वाण महोत्सव शानदार तरीके से मनाया गया। उपलब्धियाँ: - वर्ष भर में विविध कार्यक्रम मनाये गये किन्तु 13-11-1974 निर्वाण दिवस से आठ दिन तक बड़ी धूम-धाम रही जिसका सारांश रूप में विवरण इस प्रकार है1. देश के अनेक स्थानों पर सार्वजनिक सभाए', प्रवचन, भाषण, शोभा. यात्रा, प्रभात-फेरियां, स्नात्र-महोत्सव, महापूजन प्रादि का प्रायोजन हुआ । 2. भगवान महावीर सम्बन्धी निबन्ध, चित्रकला, संगीत आदि साहित्यिक और कलात्मक कार्यक्रम हुए और पुरस्कार स्पर्धा रखी गई जिनमें से सबसे बड़ा पुरस्कार दिल्ली की निर्वाण महासमिति ने 8000 रुपयों का घोषित किया। 3. अनेक स्थानों पर जैन सस्कृति, तत्त्वज्ञान, इतिहास, शिल्प, स्थापत्य प्रादि विषयों पर ज्ञान गोष्ठियां, परिसवाद, कवि सम्मेलन, मुशायरे, प्रदर्शनियाँ, झाँकियाँ, रंगोलियां आदि का सयोजन किया गया । जिससे जैन इतिहास, विकास और धर्म-चिंतन पर साधारण जनता प्रभावित हो सके। 4. विविध राज्यों में शिकार, कत्ल-खाने, निश्चित दिनों तक बंद कराये जाने की घोषणाएं हुई। अमारि (अहिंसा) का प्रवर्तन कराया गया। कारावास की सजाओं में कमी करने, फांसी की सजा रद्द करने व Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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