Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 82
________________ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat wwww.umaragyanbhandar.com क्र.सं. नाम ग्रन्थ 2 हिन्दी जैन कल्प सूत्र 2. भारतीय जैन श्रमरण संस्कृति ने लेखन कला (गुजराती) 3. श्री तपागच्छ पट्टावली स्वोपज्ञ वृत्ति सहित (गुजराती) 4. त्रिषष्ठ शलाका-पुरुष चरित्र प्रवृति श्रीजी ( गुजराती भाषान्तर). परिशिष्ट-1 संदर्भ ग्रन्थ सूची लेखक 3 उपाध्याय श्री विनय विजयजी की सुबोधिका टीका का हिन्दी भाषान्तर मुनि श्री पुण्यविजयजी महोपाध्याय श्री धर्मदास गरि वि. सं. 1648 प्रकाशक 4 श्री श्रात्मानंद जैन महासभा पंजाब, जालंधर शहर साराभाई मणिलाल नवाब श्रहमदाबाद श्री विजयनीतिसूरीश्वरजी जैन लाईब्र ेरी, अहमदाबाद सम्पादक पंन्यास श्री कल्याण विजयजी कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेम- श्री जैन धर्म प्रसारक सभा चन्द्राचार्य विरचित वि. भावनगर सं. 1230 वि. संवत् या सन् 5 2005 1996 1979 [89 ]

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