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5. हिन्दी में 'भगवान् महावीर स्तम्भ' के अक्षराखुके हुए हैं। 6. पूर्व और पश्चिम के निम्नतम भाग की पट्टी जो कि 3 फीट 10 इंच
लम्बी और 9 इंच चौड़ी है, वैसी ही नाप की पट्टी पर भगवान महावीर के उपदेश श्री महावीर की वाणी का अंग्रेजी भाषान्तर है । अंग्रेजी भाषान्तर के उपदेश दो भागों में स्थानाभाव के कारण विभक्त किये भये हैं। प्रारम्भिक भाग, दक्षिण की तरफ है और इस उत्तरीय भाग की ओर: 7 से 15 तक समस्यांकिता हैं जो इसाप्रकतार हैं:
. TEACHING OF LORD MAHAVIRA 7... Always speak benevolent words. 8. Don't take anything unless given by its owner.. 9. A wise man should neither bumiliate anyone through his
words nor he should praise falsely. 10. Equanimity_of_soul in real conduct. 11. Always remaia szedfast.te,Iruth. 12. Sexual abstinence is the best.pfall penances. 13. Karma (action) ever fallows, its doer. 14. To give protection from all fears is the best of all charity. 14. Tbiok well before whatever you speak. 4. अन्तिम दक्षिण भाग पर क्रमश: प्राकार पौर। मन्तर गुजराती भाषा में
निम्नांकित हैं1 सर्व प्रथम शिखर के बाहरी (दिखाई देते हुए भाग पर सिंह (बाघ)
और उसके नीचे छोटे से .धर्म चक्र, में सूक्ष्म अहिंसा के प्रक्षर
बने हुए हैं। 2. तत्त्वार्थ सूत्र का वाक्य इस प्रकार अङ्किता है:
सम्यग दर्शन, सम्यग ज्ञान अथे सम्यग् चारित्र्य प्रणे मोक्ष मार्ग छ 3. जैन धर्म ना उपदेश, बड़े :पट्ट पर मालेखित है:
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