Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 105
________________ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat जमा खर्च रु. पं. 501) रु. गुरु श्री शान्तिसदन ट्रस्ट, प्राबू. .. 425)25 स्टेशनरी, रसीद बुकें और विज्ञप्तियाँ श्री देवाजी महाराज से। . 93)85 यात्रा खर्च खाते 301) श्री सरूपचन्दजी दूगड़, अहमदाबाद 126)10 पोस्टेज खाते 1000) सेठ श्री कस्तूरभाई, कालाभाई महमदाबाद 87)60 परचुरण खाते 251) खेलशंकरजी दुर्लभजी, जयपुर। 1009)00 श्रमण संस्कृति पुस्तक छपवाई उसके प्रचंना 500) डा. एच. एम. पोरवाल, बाबची महाराष्ट्र प्रकाशन, अजमेर को चुकाये 201) श्री कंवरसेनजी जैन, पाबू । 22675)45 1001) श्री रामचरजी जैन काण्ट्रक्टर, पाबू।। 250) श्री राजरूपजी टांक, जयपुर। 244)51 श्री पोते बाकी जमा 250) श्री विमलचन्दजी सुराणा, जयपुर। 22919)96 232)06 प्राज ता. 22/6/78 तक दी 121) श्री अमरचन्दजी हीराचन्दजी, जयपुर । 251) श्री अभयकुमारजी मांडिया, जयपुर। सिरोही कॉ. लि. बैंक पाबू में जमा हैं 501) श्री रिषभचन्दजी पुगलिया, जयपुर । 12)45 केश बुक में है कोषाध्यक्ष के पास 400) श्री हिम्मतसिंहजी गलुडिया, जयपुर । 501) श्री शिवसिंहजी गलुडिया जयपुर । 2500) श्री शान्तिदेव सेवा समिति, बम्बई । • 51) श्री भगवान महावीर 2500 वो कल्याणक महोत्सव समिति, उदयपुर । 301) रु. शाह श्री दलीचंद नानचंद नवसारी [91] www.umaragyanbhandar.com

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