Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 89
________________ [75] चारों भाषाओं के उत्खनन की हुई है। प्रशस्ति पट्ट के ऊपर चारों भाषाओं में भगवान महावीर स्तम्भ आलेखित है और इसके नीचे पूर्व में, प्राबू के वन के खजरों का समूह दोनों बाजु और बीच में, गाय और शेर को जल-पात्र में एक साथ पानी पीते हुए प्रदर्शित किया गया है और पश्चिम में इसी तरह अष्ट मंगलिक दिखलाया गया है। दक्षिण तथा उत्तर के समानान्तर पट्ट पर अंग्रेजी में भगवान महावीर के उपदेश अंकित हैं जैसा कि ऊपर वर्णन किया गया है। स्तम्भ की रक्षा के निमित्त चारों ओर, एक फीट की दूरी पर लोहे का रेलिंग चारों बाजु लगा दिया गया है। रेलिंग के मध्य भाग में श्री महावीर स्तम्भ आबू पर्वत चारों तरफ चारों भाषाओं में प्रक्षर सुन्दर तर्ज से लगे हुए हैं। प्रत्येक साइड का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है भगवान महावीर स्तम्भ का विस्तृत वर्णन भगवान महावीर स्तम्भ का प्रमुख भाग, पूर्व दिशा में है। इस भाग पर, शिखर से लेकर भूमितल तक क्रमशः निम्न अक्षर और प्राकृतियां खुदी 1. शिखर के बाह्य भाग की ओर सिंह का आकार और उसके नीचे 'धर्म चक्र' के वृत्त में 'अहिंसा' शब्द अंकित है । 2. तत्वार्थ सूत्र का प्रथम श्लोक का अंग्रेजी भाषान्तर इस प्रकार प्राले खित है11. Right Faith, Right Knowledge And Right Conduct ___Are The Way To Moksha-The Final Liberation) 3. जैन धर्मावलम्बियों के सर्व संप्रदायों द्वारा स्वीकृत जैन प्रतीक निम्न प्राकार का खुदा हुआ है जिसका महत्व इस प्रकार है। . . Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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