Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 84
________________ श्रावक हीरालाल वि. हंसराज Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat 12. जैन धर्म नो प्राचीन इतिहास भाग बीजो (गुजराती) 13. राजस्थानी साहित्य की गौरवपूर्ण परम्परा (हिन्दी) 14, जैन दर्शन मां काल नु स्वरूप (गुजराती) प्रगरचन्द नाहदा भाचार्य श्री विजय सुशीलसूरिजी धावक हीरालाल वी. वि सं . 2001 हंसराज जामनगर, काठियावाड़ . मप्रकाश राधाकृष्ण सन् 1967 प्रकाशन 2 अन्सारी रोड़, दरियागंज, दिल्ली बगडिया चिमनलाल हरिचंद वि. सं. 2028 प्रमुख, श्री ज्ञानोपासक समिति बोटाद, (सौराष्ट्र-गुजरात) भगवान महावीर 2500 वाँ सन् 1974 निर्वाण महोत्सव महा समिति उदयपुर सन् 1976 जैन गुजराती साप्ताहिक सन् 1976 बडवा, पादर देवकी रोड, भावनगर Gulab chand Hira 1963 A. D. [70] 15. भगवान महावीर जीवन मौर उपदेश साहित्य समिति www.umaragyanbhandar.com 16. भगवान महावीर स्मृति ग्रन्थ संपादक मण्डल 17. भगवान महावीर 2500 सम्पादक मण्डल वाँ निर्वाण महोत्सव माहिती विशेषांक (गुजराती) 18. Jainism in Rajasthan, Dr. K. C. Jain

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