Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 78
________________ [64] द्वारा दिनांक 24-75 को सम्पन्न हुआ । उदयपुर में 3400 जैन कुटुम्बों ने मिलकर 8 दिन तक महोत्सव बडे ठाट-बाट से मनाया था । विदेश में निर्धारण महोत्सव 17 यूनेस्को ने सन् 1974-75 निर्वारण वर्ष " अहिंसा वर्ष" घोषित किया और अमेरिका के 17 राज्यों में जैन धर्म सम्बन्धी अंग्रेजी साहित्य वितीर्ण हुआ। बेंगकांग में 3 नवम्बर, 1975 को राष्ट्रीय मांस-रहित दिन घोषित हुआ । न्यूयोर्क मोम्बासा, लन्दन में विविध कार्यक्रम उपासना, आराधनादि हुए, स्वीट्जरलेण्ड फीजी, नेपाल, चीन, ईटाली में भी महोत्सव मनाया गया । केनेड़ा के टोरेन्टो में जिन मन्दिर की रचना होकर भगवान महावीर की प्रतिमा स्थापित हुई । अमेरिका के 10 राज्यों में महावीर केन्द्र की स्थापना हुई, न्यूयार्क में श्री चित्र- भानुजी ने 'जैन मेडिटेशन इण्टरनेशनल सेण्टर' कायम कर वहाँ जैन धर्म का प्रचार किया और कर रहे हैं और सेण्टर के अमरीकी सदस्यों को भारत के जैन तीर्थ यात्रा कराते रहते हैं । जैन मन्दिर केन्द्र की भी न्यूयार्क में स्थापना हुई है। श्री सुशील मुनि जी ने 1 सभ्यों के मिशन के साथ 17 जून, 1975 से दो मास तक जैन धर्म के प्रचार के लिये अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, थाईलेण्ड, होंगकोंग वगैराह देशों में परिभ्रमण कर निर्वाण महोत्सव मनाया। मुख्य देशों में उनके प्रवचन भी हुए । उनके साथ यति श्री जिनवन्द्रसूरिजी बीकानेर के भी थे । लन्दन विश्वविद्यालय में डॉ. सत्यरंजन बनर्जी ने 'जैन धर्म की आज के मानव के लिये उपयोगिता' और डा. एम. एम. शर्मा ने भगवान महावीर के राज- सुख त्याग कर तप-तपस्या के मार्ग पर सच्चा सुख प्राप्त करने के विषय पर चर्चा की । जर्मनी के बर्लिन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ब्रून ने जैन धर्म विषयान्तर्गत " जैन धर्म मोक्ष सिद्धान्त" पर व्याख्यान दिया । अपने व्याख्यान में 'प्रावश्यक सूत्र' 'प्रतिक्रमण', 24 तीर्थंकरों की भक्ति आदि की जर्मन भाषा में चर्चा की तथा शत्रु ंजय और 'श्रमण- बेल-गोला' के स्लाइड्स भी व्याख्यान के बाद प्रदर्शित किये । स्वीट्जरलेण्ड के ज्यूरिच शहर में भव्य जैन धर्म कला प्रदर्शन का आयोजन हुआ। काबुल में श्रीमती एन. पी. जैन का मननीय Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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