Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

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Page 76
________________ [62] नागालैण्ड के दीमापुर में भगवान महावीर पार्क' और पार्क में संगमरमर का कीर्तिस्तम्भ निर्माण हुआ । उड़ीसा में 'अहिंसा दर्शी समाज' की रचना हुई जिसमें 5 नियम स्वीकार किये गये। (1) जीवन भर मांसाहार न करना । (2) दारू न पीना और न जुआ खेलना । (3) सदाचारी रहना और अहिंसात्मक व्यवहार रखने का प्रयत्न करना। (4) रोज 10 मिनट या यथा-शक्ति समय तक प्रात्म निरीक्षण करना । (5) सर्व धर्म समन्वय की भावना के विकास व प्रचार के लिए सम्पूर्ण साथ देना। पंजाब में जिलों के बड़े-बड़े स्थान पर कीर्ति स्तम्भ बनाये जाने का निश्चय हुआ । चण्डीगढ़ में दहेज-प्रथा रोकने के लिए युवा वृद्धों ने प्रतिज्ञा ली और प्रात्मानन्द जैन महासभा द्वारा, लगभग 10 लाख के खर्चे पर महावीर पब्लिक स्कूल और 'जैन अमर होस्टल' का निर्माण हो रहा है । पंजाब सरकार ने 'महावीर ओपन थियेटर के लिये 10 हजार का अनुदान दिया और राज्य में 25 महावीर स्कूल भो बना रही है। इसके अतिरिक्त 13 दिसम्बर 1974 के दिन या इससे पहले या उस दिन जिनको मृत्यु दण्ड मिला है, उसको (सिवाय उन अभियोगी के जो पेराग्राफ 3 में दिये गये हैं ) प्रांजीवन कारावास में परिवर्तित करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त भी राज्य में कई शुभ कार्य हुए जो 'लोर्ड महावीर फाउण्डेशन' द्वारा सम्पादन हुए । राजस्थान राज्य में 3500 कैदियों की सजा में कमी की और 4 को मृत्यु दण्ड की सजा माफकर आजीवन कैद में बदली । निर्वाण वर्ष शान्ति वर्ष घोषित हुआ । 30 जिला पुस्तकालयों में, तीन विश्वविद्यालयों में, पुस्तकालय सहित महावीर कक्ष खोले गये और इसी प्रकार 8 राजकीय संग्रहालयों में महावीर कक्ष की स्थापना का आदेश जारी किया गया। विश्वविद्यालय उदयपुर और राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में जैन चैयर की Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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