Book Title: Shraman Parampara Ki Ruprekha
Author(s): Jodhsinh Mehta
Publisher: Bhagwan Mahavir 2500 Vi Nirvan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 79
________________ [65] प्रवचन हुआ और काबुल राजदूतालय के अधिकारी श्री ऐ. के. जैन ने 'जैन दर्शन की आज के युग में सार्थकता' विषय पर व्याख्यान दिया । इस सभा में काबुल के भारतीय बड़ी संख्या में उपस्थित रहे थे । नेपाल के काठमाण्डु में, जैन धर्म के चारों संप्रदाय की संयुक्त जैन परिषद् की स्थापना हुई और चारों सम्प्रदाय ने मिलकर पर्युषण पर्व की आराधना की। 13 नवम्बर, 1974 निर्वारण दिवस के दिन आध्यात्मिक कार्यक्रम से निर्वारण महोत्सव का शुभारम्भ हुआ । भारतीय सहयोग मिशन सर्वे ट्रेनिंग स्कूल के प्राध्यापक श्री बी. आर. जैन ने जैन दर्शन के मुख्य सिद्धान्तों की विस्तृत व्याख्या करते हुए जीवन में उतारने का अनुरोध किया और भगवान महावीर के जन्म कल्याणक प्रसंग पर मुनि श्री पूनमचन्दजी आदि के सानिध्य में सभा हुई जिसका उद्घाटन, नेपाल के प्रधानमंत्री श्री नगेन्द्रप्रसाद रिजालजी ने किया । इस सभा में जैन बौद्ध भिक्षु, सनातन धर्म के धर्म गुरु वरिष्ठ नेता प्रौर स्थानीय नेपाली जनता बड़ी संख्या में उपस्थित थी । 1 भगवान् महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव समिति, माउण्ट आबू समिति की रचना हुई और परिचय और निर्वारण वर्ष में प्रासंगिक होगा । इस समिति अन्त में माउण्ट आबू पर जो निर्वारण जिसके द्वारा यह पुस्तक प्रकाशित हुई, उसका सम्पादित कार्य का संक्षिप्त विवरण देना भी की स्थापना दिनांक 29-12-74 को हुई । सर्वानुमति से श्री के. एस लुडिया तत्कालीन उपनिदेशक, पर्यटन विभाग, श्राबू. अध्यक्ष, श्री रामचन्द्र जैन उपाध्यक्ष और श्री जोधसिंह मेहता मुख्य मैनेजर श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर देलवाड़ा, मंत्री नियुक्त हुए । समिति द्वारा कई कार्य विविध प्रकार के सम्पादित हुए जिसका क्षिप्त विवरण इस प्रकार है 1. भगवान् महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव - माहिती विशेषांक ( गुजराती ) प्रकाशक जैन साप्ताहिक वडवा, पादर देवली रोड, भांवनगर, मूल्य रु 15 : 00, सन् 1976 1 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108