Book Title: Shodhkholni Pagdandi Par
Author(s): Harivallabh Bhayani
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 62
________________ ७०. શોધ-ખોળની પગદંડી પર ६६. किलित्त-कुसुमोवयारेसु १-१४५ ६६क. किं उल्लावेंतिए वगेरे २-१८3 ६७. किं पम्हुट्ठम्हि अहं 3-१०५ ६८. कुंकुम-पिंजरयं २-१६४ ६८क. केलि-पसरो विअंभइ ४-१५७ ६८. को खु एसो सहस्स-सिरो २-१८८ सार-1८८... खासियं १-१८१ “આવશ્યકસૂત્ર', કાયોત્સર્ગાધ્યયન ७१. खीरोओ सेसस्स व निम्मोओ २-१८२ ७१क. खेड्डयं कयं वगैरे ४-४२२ ७२. गईए णई २-१८४ गज्जंते खे मेहा १-१८७, 3-१४२ (विहप-वृत्ति', पृ. १६, २-१६; पूर्व हसन मनी १२ मात्रा; પાદલિપ્તસૂરિકૃત ગાથા.). ७उक. गामे वसामि नयरे न यामि 3-१३५ 'सरस्वती म२५५', 3.१५3 ७४. गूढोअर-तामरसाणुसारिणी भमर-पंति-व्व १-६ 164हो', १८८ उत्तर ४८; 'पारय।-ओस'-८ गेण्हइ र कलम-गोवी २-२१७ ७५. चउवीसं पि जिणवरा 3-१39 पिशेल-पे३. ३४, पृ. ३८ ७६. चिरस्स मुक्का 3-१३८ ७७. चिंच-व्व कूर-पिक्का २-१२८ ७८. ची-वंदणं १-१५१ छिछई २-१७४ 1. 30१ : आअओ अज्ज कुलहराओ त्ति छेछई जारं । (4usi. छिंछइ) ८०. जउँणयडं, जउँणायडं १-४ ८१. जलहरो खु धूमपडलो खु २-१८८ ८१क. जहिं मरगय-कंतिए संवलियं ४-३४८ ८२. जं चेअ मउलणं लोअणाण २-१८४ ८3. जं जं ते रोइत्था 3-१४3 ८४. जाइ विसुद्धेण पहु 3-3८ ७४क. गेण्हइ र ७८.

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