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भगवंतराय
गंगाधरसूनु
रामचंद्र (हेमचंद्र का शिष्य)
यज्ञनारायण
बालकृष्ण
वेंकटेश्वर (धर्मराजपुत्र)
मणिक (नेपाली कवि, 14 वीं शती) राजचूडामणि दीक्षित (रत्नखेट)
शक्तिभद्र
वीरराघव
श्रीनिवास (वरदगुरुपुत्र) तातार्य (वैष्णवगुरु) रामवारियर
श्रीनारायणशास्त्री (कुंभकोण निवासी) अतिरात्रयज्वा (अप्पय दीक्षित के
पौत्र, 17 वीं शती)
वेंकटकृष्ण दीक्षित (17 वीं शती) छबिलाल
श्रीधर भास्कर वर्णेकर
नाटककार
रामानन्दराय (16 वीं शती)
मधुसूदन सरस्वती
कवीश्वर
आनंदधर
रामचंद्र
अनंतदेव (आपदेव के पुत्र)
कृष्णरा
रामकृष्ण (गुजरात निवासी)
नारायणतीर्थ
वैद्यनाथ
गोविंद कविभूषण
शंकरदेव
रूपगोस्वामी
(चैतन्य देव के प्रथम शिष्य)
शेषचिंतामणि
230 / संस्कृत वाङ्मय कोश ग्रंथकार खण्ड
राघवाभ्युदय
राघवाभ्युदय
राघवाभ्युदय और रघुविलास रघुनाथविलास
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मुदितराघव
राघवानंद (अथवा राघवाभ्युदय ) अभिनवराघवानंद
राघवानंद
आश्चर्यचूडामणि
रामराज्याभिषेक
सीतादिव्यचरित
सीतानंद
सीताराघव
मैथिलीय
कुशकुमुद्वतीय
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कुशलवविजय कुशलवोदय
श्रीरामसंगीतिका
तंजौर के शहाजी राजा के आदेश से लिखा
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नृत्यनाट्य । 1983 में कालिदास पुरस्कार प्राप्त ।
इस प्रकार रामचरित्र विषयक कुछ संस्कृत नाटक उल्लेखनीय हैं। इन नाटकों में कथानक की समानता के कारण कुछ वर्णनों भाषणों और भाषा शैली के अतिरिक्त वैविध्य या वैचित्र्य मिलना असंभव है नाटकों की यह नामावली संस्कृत साहित्यिकों की रामभक्ति का एक प्रमाण है। नाटकों के नामकरण में भी प्रायः समानता है। रामचरित्र विषयक इतने विविध नाटक निर्माण होने के बाद भी भास और भवभूति का यश अवाधित रहा है।
कृष्णकुतूहल
माधवानल
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श्रीकृष्णचरित्र
रामचरित्र के समान कृष्णचरित्र भी अनेक साहित्यिकों का प्रिय विषय रहा है। कृष्णचरित्र विषयक कुछ नाटकों का निर्देश यहाँ दिया है।
विशेष
नाटक जगन्नाथ वल्लभ
उडीसा के नृपति प्रताप रुद्र की आज्ञा
से लिखित)
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माधवानल
यादवाभ्युदय कृष्णभक्तिचंद्रिका
जांबवतीकल्याण
गोपालकेलिचंद्रिका
कृष्णलीलातरंगिणी
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सात अंकी
कृष्णलीला
समृद्धमाधव
विदग्धमाधव
विदग्धमाधव
(2) ललितमाधव ( दशांकी)
रुक्मिणीहरण
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पांच अंकी
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सप्तांकी
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सप्तकी
सप्तांकी
सप्तांकी
सप्तांकी
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(इस लेखक ने अनेक नाटकों की रचना की है) पंचांकी
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छाया नाटक
इसमें गीतगोविंद के पद्य उद्धृत हैं
गीतगोविंद का रूपांतर
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सप्तांकी
(इसी नाम के अन्य नाटक भी मिलते हैं। जिनके रचियता के नामों का पता नहीं चलता)
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