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है, उन्हें मेरा नमन।
जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की दिगम्बर श्रमण परम्परा के महान तपस्वी बीसवीं सदी के ज्येष्ठाचार्य मुनिकुंजर आचार्यश्री आदिसागर अंकलीकर के पट्टाधीश अष्टादश भाषाभाषी आचार्यश्री महवीर कीर्तिजी के पट्टाधीश तपस्वी सम्राट् आचार्यश्री सन्मतिसागरजी गुरुदेव के पट्टाधीश सन्त आचार्यश्री सुनीलसागरजी गुरुदेव तथा चतुर्विध संघ के चरणों में बारम्बार वन्दन तथा सभी आचार्यों एवं मुनियों के चरणों में नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु।
डॉ. पिऊजैन एम.एस-सी., एम.ए.बी.एड. 403 सत्यम् टावर, गोवर्धन विलास
उदयपुर (राजस्थान) मो. : 919414047931
चौदह