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क्रं. विषय पृष्ठ संख्या क्रं. विषय
पृष्ठ संख्या ४७. चेटक राजा का युद्ध के लिए प्रयाण ५३ ७१. तृतीय अध्ययन-शुक्र महाग्रह ४८. भयंकर युद्ध
विषयक पृच्छा ४६. कालकुमार की मृत्यु
५६ ७२. सोमिल ब्राह्मण श्रावक बना ५०. चौथी नरक में उत्पत्ति
५६ ७३. सोमिल मिथ्यात्वी बना . ५१. उपसंहार
५६ ७४. सोमिल का संकल्प ५२. दूसरा अध्ययन-सुकालकुमार का ७५. सोमिल द्वारा तापस प्रव्रज्याग्रहण वर्णन
५८ ७६. सोमिल की साधना ५३. तृतीय से दशम अध्ययन-महाकाल ७७. सोमिल का महाप्रस्थान
आदि शेष आठ कुमारों का वर्णन ५६ ७८. देव द्वारा प्रतिबोध द्वितीय वर्ग-कल्पावतंसिका ७९. सोमिल पुनः श्रावक बना
. ८०. सोमिल का शुक्र महाग्रह में उपपात ५४. प्रथम अध्ययन प्रस्तावना ।
८१. उपसंहार ५५. पद्मकुमार का जन्म और दीक्षा
८२. चौथा अध्ययन ५६. : पद्म अनगार की साधना
८३. बहुपुत्रिका देवी भगवान् की सेवा में . ५७. देवलोक में उत्पत्ति
८४. गौतम स्वामी की जिज्ञासा ५८. उपसंहार
८५. सुभद्रा की चिंता ५६. द्वितीय अध्ययन
८६. सुव्रता आर्या का पदार्पण
१०१ ६०. महापद्मकुमार का वर्णन .
८७. सुभद्रा की जिज्ञासा
१०१ ६१. तृतीय से दशम अध्ययन
८८. आर्याओं का समाधान
१०२ ६२. भद्र आदि शेष आठ कुमारों का वर्णन
१७ ८९. सुभद्रा श्रमणोपासिका बनी १०३ .. तृतीय वर्ग-पुष्पिका
६०. सुभद्रा द्वारा दीक्षा का संकल्प ६३. प्रथम अध्ययन - प्रस्तावना
६१. भद्र द्वारा दीक्षा की आज्ञा १०४ ६४. चन्द्रदेव भगवान् के समवसरण में
६२. सुभद्रा का महाभिनिष्क्रमण १०६ ६५. गौतम स्वामी की जिज्ञासा
६३. सुभद्रा द्वारा दीक्षा ग्रहण
१०७ ६६. . पार्श्व प्रभु का पर्दापण
सुभद्रा आर्या की बच्चों में आसक्ति १०८ ६७. अंगति अनगार बना
६५. सुव्रता का सुभद्रा को समझना ६८. अंगति अनगार का उपपात
६६. सुभद्रा का स्वतंत्राचरण - १११ ६९. उपसंहार
६७. बहुपुत्रिका देवी रूप उपपात ११२ ७०. द्वितीय अध्ययन-सूर्यदेव का वर्णन ७५ १८. गौतम स्वामी की जिज्ञासा ११३
६६
१०४
६४.
११०
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