Book Title: Nayvimarsh Dwatrinshika
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

View full book text
Previous | Next

Page 22
________________ नमः ॥ ॐ ॐ ह्रीं अहँ नमः ॐ ॥करेडातीर्यमण्डनश्रीपार्श्वनाथस्वामिने ।। वर्तमानशासनाधिपतिश्रीमहावीरस्वामिने नमः ।। ॥ अनन्तलब्धिनिधानाय श्रीगौतमस्वामिने नमः ।। ॥ शासनसम्राटश्रीनेमि-लावण्य-दक्षसूरीश्वरेभ्यो नमः ।। नयविमाहालिशिका , [व्याख्या-पद्यानुवाद-भावानुवाद युक्ता] 0 &000000000000000000000000000000008 मङ्गलाचररग विषयश्च - [ इन्द्रवज्रा- वृत्तम् ] श्रीवीरदेवाय नमोऽस्तु तस्मै, सर्वे नया यद वचने विभान्ति। संक्षेपतस्तन्नयवादशास्त्र, व्याख्यामि सम्यक्तरमात्मनीनम् ॥७॥ नयविमर्शद्वात्रिशिका-१

Loading...

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110