Book Title: Meghmahodaya Harshprabodha
Author(s): Bhagwandas Jain
Publisher: Bhagwandas Jain

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Page 14
________________ (७) पृष्ठ ३६६ श्लोक१६१"नवम्यां स्वातिसंयोगे भाद्रमासे सिते यदा" इत्यादि श्लोकोंका मैंने प्रथम "भाद्रपद शुक्ल नवमी के दिन स्वातिनक्षत्र हो" ऐसा अर्थ किया था, किंतु पीछेसे प्राचीन (स्त्रोप?)टिप्पणी युक्त प्रति मिलनेसे इसका गूह प्राशय "भाद्रपद शुक्ल नवमी या स्वातिनक्षत्र के दिन शुक्रवार हो"ऐसा समझ में आनेसे सुधार दिया है। पूर्ण प्राशा है कि पाठक गण इससे विशेष लाभ उठाकर मेरा परिश्रम को सफल करेंगे। इत्यलं सुक्षेषु. सं १९८३ द्वितीय चैत्र आपका कृपापात्र--- ___ शुक्ल १३ रविवार (श्री महावीरजिन जयंती) भगवानदास जैन हिन्दी अनुवाद समेत जोइसहीर (ज्योतिषसार) यह प्रारंभिक शिक्षा के लिये अत्युत्तम है, इसमें मुहूर्त आदि देखने की संक्षिप्त पूर्वक बहुत सरल रीति बतलाई है । साथ कुछ स्वरोदय ज्ञान भी दिया गया है । पृष्ठ संख्या ८८ किमत पांच भाना. किंतु स्थायी ग्राहकोंके लिये भेंट. "Aho Shrutgyanam"

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