Book Title: Lonjanas ke Tattva Siddhanta Adhar par Nirla Kavya ka Adhyayan
Author(s): Praveshkumar Sinh
Publisher: Ilahabad University
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विवेचन:- उदात्त के विषय में लौंजाइनस के मत का सारांश इस प्रकार है:
विभाव रूप में उदात्त से अभिप्राय ऐसे विषय का है जो अनन्त विस्तार असाधारण शक्ति एवं वेग, अलौकिक ऐश्वर्य तथा उत्कृष्ट-प्रभाव क्षमता आदि गुणों से सम्पन्न हो।
___ भाव रूप में उदात्त से तात्पर्य उल्लास, विस्मय सम्भ्रण आदि संचारियों से पुष्ट, आत्मा का उत्कर्ष करने वाली ऐसी प्रबल अनुभूति का है जो सम्पूर्ण चेतना को अभिभूत कर ले।
शैली के रूप में उदात्त में आधार तत्व हैं- उपर्युक्त एवं प्रभावक शब्दों से युक्त उत्कृष्ट भाषा, गरिमामय रचना-विधान, भव्य-योजना और प्रायः अतिशय-मूलक अलंकारों की योजना जिन पर औचित्य का अनुशासन अनिवार्यतः रहना चाहिए।
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