Book Title: Karmagrantha Part 6 Sapttika
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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गुण- बंध
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उदय पदवृन्द संख्या
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सत्तास्थान
२८,२४,२१,१ २८, २४, २१, ११, ५,४ २८, २४, २१, ४, ३ २८, २४, २१, ३, २ २८, २४, २१, २, १
२, २४, २१, १
२८, २४, २१
नोट -- जिन आचार्यों का मत है कि चार प्रकृतिक बंधस्थान में दो और एक प्रकृतिक उदयस्थान होता है, उनके मत से १२ उदयपद और २४ उदयपदवृन्द बढ़कर उनकी संख्या क्रम से ६६५ और ६६७१ हो जाती है ।
षष्ठ कर्मग्रन्थ
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