Book Title: Karmagrantha Part 6 Sapttika
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 575
________________ पिण्डप्रकृति-सूचक शब्द-कोष सुरैकोनविंशति-(देवगति आदि १६ प्रकृतियाँ) देवगति, देवानुपूर्वी, वैक्रिय शरीर, वैक्रिय अंगोपांग, आहारक शरीर, आहारक अंगोपांग, देवायु, नरकगति, नरकानुपूर्वी, नरकायु, सूक्ष्म नाम, साधारण नाम, अपर्याप्त नाम, एकेन्द्रिय जाति, द्वीन्द्रिय जाति, त्रीन्द्रिय जाति, चतुरिन्द्रिय जाति, स्थावर नाम, आतप नाम । स्त्यानदित्रिक-स्त्यानद्धि, निद्रा-निद्रा, प्रचला-प्रचला। स्थावरचतुष्क- स्थावर नाम, सूक्ष्म नाम, अपर्याप्त नाम, साधारण नाम । स्थावरदशक-स्थावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त, साधारण, अस्थिर, अशुभ, दुर्भग, दुःस्वर, अनादेय, अयशःकीर्ति नाम । स्थावरद्विक--स्थावर नाम, सूक्ष्म नाम । स्पर्श-अष्टक --कर्कश स्पर्श, मृदु स्पर्श, गुरु स्पर्श, लघु स्पर्श, शीत स्पर्श, उष्ण ___ स्पर्श, स्निग्ध स्पर्श, रूक्ष स्पर्श नाम । स्थिरषट्क --स्थिर नाम, शुम नाम, सुभगनाम, सुस्वर नाम, आदेय नाम, यशःकीति नाम । हास्यषट्क -हास्य, रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा मोहनीय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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