Book Title: Karmagrantha Part 6 Sapttika
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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षष्ठ कर्मग्रन्थ
३०६
गुणस्थान
बन्धस्थान
उदयस्थान |,सत्तास्थान
१. मिथ्यात्व
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२. सासादन
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३. मिश्र ४. अविरत ५. देशविरत ६. प्रमत्तविरत ७. अप्रमत्तविरत ८. अपूर्वकरण ६. अनिवृत्तिकरण १०. सूक्ष्मसंपराय ११. उपशान्तमोह १२. क्षीणमोह १३. सयोगिकेवली १४. अयोगिकेवली
विशेषार्थ-इन दो गाथाओं में गुणस्थानों में नामकर्म के बंध, उदय और सत्ता स्थानों को बतलाया है। (१) मिथ्यावृष्टि गुणस्थान
पहले मिथ्यादृष्टि गुणस्थान में नामकर्म के बंधस्थान, उदयस्थान और सत्तास्थान क्रम से छह, नौ और छह हैं-'छण्णव छक्कं' । जिनका स्पष्टीकरण इस प्रकार है
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