Book Title: Karmagrantha Part 6 Sapttika
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
View full book text
________________
सप्ततिका प्रकरण
-
देवगति में संवेध – देवगति में २५ प्रकृतियों का बंध करने वाले देवों के देव सम्बन्धी छहों उदयस्थान होते हैं । जिनमें से प्रत्येक में ६२ और प्रकृतिक ये दो-दो सत्तास्थान होते हैं । इसी प्रकार २६ और २६ प्रकृतियों का बंध करने वाले देवों के भी जानना चाहिए। उद्योत सहित तिर्यंचगति के योग्य ३० प्रकृतियों का बंध करने वाले देवों के भी इसी प्रकार छह उदयस्थान और प्रत्येक उदयस्थान में ह२ और
प्रकृतिक, ये दो-दो सत्तास्थान होते हैं परन्तु तीर्थंकर प्रकृति सहित ३० प्रकृतियों का बंध करने वाले देवों के छह उदयस्थानों में से प्रत्येक उदयस्थान में ६३ और ८६ प्रकृतिक, ये दो-दो सत्तास्थान होते हैं । इस प्रकार यहाँ कुल ६० सत्तास्थान होते हैं ।
३६०
बंधस्थान
२५ प्रकृतिक
२६ प्रकृतिक
भंग, उदयस्थान भंग
५
१६
Jain Education International
२१
२५
YYYY m
279)
२७
२८
15 w
२६
३०
२१
२५
२७
२८
२६
३०
isis is w
५
८
१६
१६
८
is is is www s
८
५
१६
१६
For Private & Personal Use Only
सत्तास्थान
६२, ८८
६२, ८८
६२,८८
६२, ८८ ६२, ८८
६२, ८८
६२, ८८
६.२,८८
६२,८८ ६२, ८८ ६२,८८ ६२, ८८
www.jainelibrary.org