Book Title: Karmagrantha Part 6 Sapttika
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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३०२
सप्ततिका प्रकरण
____ अर्थात्-मोहनीयकर्म के उदयस्थान और पदवृन्दों को लेश्याओं से गुणित करने पर उनका कुल प्रमाण क्रम से ५२९७ और ३८२३७१ होता है।
लेश्याओं की अपेक्षा पदवृन्दों का विवरण इस प्रकार जानना चाहिये
गुणस्थान
लेश्या
उदयपद
गुणकार
गुणनफल (पदवृन्द)
-
-
I w
मिथ्यात्व
६७६२ ४६०८
w
सासादन
w
४६०८
w
८६४० ३७४४
m
मिश्र अविरत देशविरत प्रमत्तसंयत अप्रमत्तसंयत अपूर्वकरण अनिवृत्तिबादर
m
३१६८ ३१६८
m
or
४८०
on
a
सूक्ष्मसंपराय
on
३८२३७ पदवृन्द
१ गो० कर्मकांड गा० ५०४ और ५०५ में भी लेश्याओं की अपेक्षा उदय
विकल्प ५२६७ और पदवृन्द ३८२३७ बतलाये हैं ।
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