Book Title: Kalpasutra
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kabatirth.org
Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir
कल्पसूत्र
॥ २१
॥
發發發發础路图图醫强强强强强势强盛鄧画画的婚强强强强
पडिपुण्णं, तिमिर - निकर - घण - गुहिर-वितिमिर-करं, पमाण-पक्खंतरायलेह, कुमुअवण-विबोहगं, निसा-सोहगं, सुपरिमठ्ठ-दप्पण-तलोवम, हंस-पडु-वन्नं, जोइसमुह-मंडगं, तमरिपुं, मयण-सरापूरं समुद्द-दग-पूरगं, दुम्मणं जणं दइअ-वज्जिअं पाएहिं सोसयंतं, पुणो सोम-चारु-रूवं, पिच्छइ । सा गगण - मंडल - विसाल - सोम-चंकम्ममाण-तिलयं, रोहिणि-मण-हिअय-वल्लहं, देवी पुन्नचंदं समुल्लसंतं ६ | ||सू. ३८||
तओ पुणो तमपडल - परिप्फुडं चेव ते असा पज्जलंत-रूवं, रत्ता-सोग-पगास-किंसुअ-सुअमुह-गुंजद्ध-राग-सरिसं, कमल-वणालंकरणं, अंकणं | जोइसस्स, अंबरतल-पईवं, हिम-पडल-गलग्गह, गह-गणोरु-नायगं, रत्ति-विणासं, उदयत्थमणेसु मुहुत-सुहदंसणं, दुन्निरिक्ख-रूवं, रति-मुद्धंत-दुप्पयार-प्पमद्दणं, सीअवे ग-महणं, पिच्छइ, मेरुगिरि-स यय-परि अट्टयं, विसालं, सूरं, रस्सी-सहस्स-पयलिअ-दित्तसोहं, ७ ।।सू. ३९।।
तओ पुणो जच्च-कणग-लठ्ठि-पइछिअं, समूह -नील-रत्त-पीअ - सुक्किल -
靖幸非法活率串法法激政客感染踪踪激谋幸这部都靠
|| २१ ।।
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121