Book Title: Kalpasutra
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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कल्पसूत्र
मूळ
॥ ८
॥
अथ स्थविरावली
撒韋踪踪踪踪踪踪踪踪踪瞭瞭瞭瞭瞭瞭瞭慕
舞發發發發發發發發發發發發發發獲發發發發發發發發發發發
ते णं काले णं ते णं समए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस | गणहरा होत्था ||सू. १|| (चित्र नं. ३६)
से केणढेणं भंते ! एवं वच्चइ ? समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा होत्था ? ||सू. २|| समणस्स भगवओ महावीरस्स जिढे इंदभूइ अणगारे गोयमगुत्ते णं पंच समण-सयाई वाएइ, मज्झिमए अग्गिभूई अणगारे गोयमगुत्ते णं पंच | समण-सयाइं वाएइ, कणीयसे अणगारे वाउभूई गोयमगुत्ते णं पंच समण-सयाई वाएइ, M|| || ८६ ।।
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