Book Title: Kalpasutra
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 113
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobarth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir 强强鐵發發發發發發發發發發發發语资醫療器遊發强强强强强 श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला - ग्रन्थाङ्कः ७३ श्री महावीर जिनेन्द्राय नमः। ॥ तपोमूर्ति पूज्याचार्यदेवश्री विजयकर्पूरसूरिगुरुभ्यो नमः। हालारदेशोद्धारक - पूज्याचार्यदेव श्रीविजयामृतसूरिगुरुभ्यो नमः ।। चतुर्दशपूर्वधर-श्रुतकेवली-श्रीमद्भद्रबाहुस्वामी-विरचितं श्री पर्युषणाकल्पाख्यं ।। श्री कल्पसूत्रम् (बारसा-सूत्रम्) (मूलम्) ।। संपादकः संशोधकश्च-तपोमूर्ति-पूज्याचार्यदेवश्रीमद्विजयकर्पूरसूरीश्वर-पट्टालङ्कार-हालारदेशोद्धारक कविरत्न-पूज्याचार्यदेवश्रीमद्विजयामृतसूरीश्वर-पट्टधरः पूज्याचार्यदेव श्री विजयजिनेन्द्र सूरीश्वरः प्रकाशिका- श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र) मूल्यं रु.६०-०० 靈發發殘幾幾錢錢錢與發強強強強強發發發發發發發發發發 For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121