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श्रमण भगवान महावीर के ५८वें पट्टधर
प्राचार्य श्री विजयसिंह
दीक्षा
जन्म
वी. नि. सं. १८१२
" , , १८३२ आचार्यपद
__ , , , १८४२ स्वर्गारोहण
, , , १९१३ गृहवासपर्याय
२० वर्ष सामान्य साधुपर्याय
१० वर्ष प्राचार्यपर्याय
७१ वर्ष पूर्ण संयमपर्याय
८१ वर्ष पूर्ण आयु
१०१ वर्ष मूल श्रमण परम्परा के ५७वें पट्टधर आचार्यश्री मन्त्रसेन के वीर नि. सं. १८४२ में स्वर्गस्थ हो जाने पर श्री विजयसिंह नामक क्रियानिष्ठ एवं प्रागम मर्मज्ञ श्रमण वर को मूल श्रमण परम्परा के ५८वें पट्टधर प्राचार्य के रूप में प्राचार्यपद पर आसीन किया गया। आपने १० वर्ष की सामान्य साधुपर्याय और ७१ वर्ष की आचार्यपदपर्याय में जिनशासन की महती सेवा की।
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