Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ क्र.सं. आशीर्वचन Blessings Foreword विषयानुक्रम भूमिका प्रथम अध्याय द्वितीय अध्याय अनुक्रमणिका महावीरकालीन सामाजिक और राजनैतिक स्थिति 1. महावीर का समय ( 599-527 ई.पू.) 2. महावीरकालीन प्रचलित मतवाद 6. आगम वाचनाएँ (454/ 467 ईस्वी सन् तक) (प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ और पंचम वाचना ) पृ.सं. 7. गणधर चर्चा एवं पञ्चमतवाद i 3. महावीरकालीन समाज-व्यवस्था सामाजिक संगठन; जाति, वर्ण एवं आश्रम व्यवस्था; पारिवारिक जीवन विवाह व्यवस्था; खानपान - खाद्य पदार्थ, मद्यपान, मांसभक्षण; शिक्षा - शिक्षा के उद्देश्य पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियाँ, गुरु-शिष्य सम्बन्ध, विनीत - अविनीत शिष्य, शिक्षार्थी के लक्षण, शिक्षा प्राप्ति में बाधक तत्त्व, विद्या केन्द्र; लिपियां ; कलाएँ 4. महावीरकालीन राजनीतिक प्रणाली पंचभूतवाद 1. जैन आगमों में पंचभूतवाद 2. पंचभूतवाद एवं चारभूतवाद सिद्धान्त 3. तज्जीव- तच्छरीरवाद 4. पंचभूतवाद एवं तज्जीव- तच्छरीरवाद में अन्तर i-iii iv-xxvi 600 ई.पू. का राजनीतिक इतिहास; सोलह महाजनपद; राज्य-व्यवस्था - राजा, राजपद एवं राजपुत्रों से संबंध, राजा के प्रधान पुरुष / मंत्री-परिषद न्याय-व्यवस्था; सैनिक संगठन; गणतंत्र शासन 5. जैनागमों की भाषा 1-61 62-93

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 416