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संख्या भजन ४४, मूरति पर वारी रे ४५. मैं नेमिजी का बंदा ४६. नेमिजी तो केवलज्ञानी ४७. नेमि नवल देखें चल री ४८. नेमि ! मोहि आरति तेरी हो ४९. सुन मन ! नेमि जी के वैन ५०. सुन री सखी ! जहाँ नेम गये तहाँ ५१. हाँ चल री ! सखी जहाँ आप विराजत ५२. ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ५३. री मा ! नेमि गये किंह ठाऊँ ५४. काम सरे सब मेरे ५५: चल पूआं शाजे वारस में आय ... . . ५६. भज रे मन वा प्रभु पारस को ५७. भोर भयो भज श्रीजिनराज ५८. मोहि तार लै पारस स्वामी ५९. लगन मोरी पारस सो लागी ६०. हमको प्रभु श्रीपास सहाय ६१. अब मोहि तार लेहु महावीर ६२. देखे धन्य घरी ६३. पावापुर भवि बंदो जाय ६४. महावीर जीवाजीव खोर निरपाप ताप ६५. री चल बंदिये चल बंदिये ६६. कहा री कहूँ कछु कहत न आवै