Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 18
________________ (XVI) ७७२ बासठवां आलापक : मनुष्यों में अप्कायिक बहत्तरवां आलापक : वाणमन्तर-देवों में आदि नौ स्थानों के जीवों का मनुष्य-यौगलिकों का उपपात-आदि ७७२ उपपात-आदि ७६५ तहत्तरवां आलापक : वाणमन्तर-देवों में तिरेसठवां आलापक : मनुष्यों में असुरकुमार- संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-मनुष्यों -देवों का उपपात-आदि ७६६ का उपपात-आदि ७७२ चौसठवां आलापक : मनुष्यों में नवनिकाय- तेईसवां उद्देशक -देवों से लेकर दूसरे देवलोक तक देवों चोहत्तरवां आलापक : ज्योतिष्क-देवों में का उपपात-आदि ७६६ । असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञीपैंसठवां आलापक : मनुष्यों में तीसरे देवलोक -तिर्यंच-पंचेन्द्रिय-(यौगलिकों) का उपपात से आठवें देवलोक तक के देवों का आदि ७७२ उपपात-आदि ७६६ (पहला गमक) ७७२ छासठवां आलापक : मनुष्यों में नौवें ७७३ देवलोक के देवों का उपपात-आदि (दूसरा गमक) ७६७ (तीसरा गमक) ७७३ मनुष्यों में दसवें से बारहवें देवलोक के देवों ___ का उपपात-आदि ७६७ (चौथा गमक) ७७३ (सातवें से नवां गमक) ७७३ सडसठवां आलापक : मनुष्यों में ग्रैवेयक-कल्पातीत-देवों का उपपात-आदि ७६८ । पिचहत्तरवां आलापक : ज्योतिष्क-देवों में अडसठवां आलापक : मनुष्यों में विजय संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-तिर्यंच आदि चार अनुत्तरविमान के देवों का -पंचेन्द्रिय-जीवों का उपपात-आदि ७७४ उपपात-आदि ७६९ छिहत्तरवां आलापक : ज्योतिष्क-देवों में उनहत्तरवां आलापक : मनुष्यों में सर्वार्थसिद्ध- असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-अनुत्तरविमान के देवों का उपपात -मनुष्य-(यौगलिकों) का उपपात-आदि ७७४ -आदि सितंतरवां आलापक : ज्योतिष्क-देवों में (तीसरा गमक : औधिक और उत्कृष्ट) ७७० संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-मनुष्यों (छट्ठा गमक : जघन्य और उत्कृष्ट) ७७० का उपपात-आदि ७७४ (नवां गमक : उत्कृष्ट और उत्कृष्ट) ७७० चौबीसवां उद्देशक ७७४ बाईसवां उद्देशक अठहत्तरवां आलापक : सौधर्म-देवों (प्रथम सत्तरवां आलापक : वाणमंतर-देवों में देवलोक) में असंख्यात वर्ष की आयु असंख्यात वर्ष की आयु वाले असंज्ञी वाले संज्ञी-तिर्यंच-पंचेन्द्रिय-(यौगलिकों) -तिर्यंच-पंचेन्द्रिय-जीवों का उपपात-आदि ७७० का उपपात-आदि (पहला गमक) ७७१ (पहला गमक) (दूसरा गमक) ७७१ (तीसरे से नवें गमक तक) ७७१ (दूसरा गमक) (तीसरा गमक) इकहत्तरवां आलापक : वाणमन्तर-देवों में संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-तिर्यंच- (छट्ठा गमक) ७७५ -जीवों का उपपात-आदि कर (सातवें से नवें गमक तक) ७७६ ७७० ७७० ७७५ ७७५ ७७५ ७७५

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