Book Title: Anusandhan Swarup evam Pravidhi
Author(s): Ramgopal Sharma
Publisher: Rajasthan Hindi Granth Academy

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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 3 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुसंधान के प्रकार अनुसंधान या शोध के निम्नांकित प्रकार हो सकते हैं 1. मौलिक शोध 2. ऐतिहासिक शोध 3. मूल्य-परक शोध 4. व्याख्यात्मक शोध 5. सर्वेक्षणात्मक शोध 6. प्रयोगात्मक शोध 7. संकलनात्मक शोध शोध के व्यापक अर्थ को ध्यान में रखते हुए उक्त प्रकारों पर भेदात्मक दृष्टि से विचार किया जा सकता है 1 1. मौलिक शोध संसार में मनुष्य ने अनेक नये चमत्कार कर दिखाये हैं। किसी ने आकाश में उड़ने का विचार किया होगा, किसी ने वायुयान की खोज कर डाली। रेलगाड़ी का आविष्कार हुआ। तार द्वारा समाचार भेजने का चमत्कार सामने आया । बिना तार के भी बातचीत होने लगी । आइंस्टाइन ने पदार्थ और ऊर्जा को अभिन्न सिद्ध कर डाला । इस प्रकार के अनेक शोध कार्य समय-समय पर सामान्य व्यक्तियों द्वारा सम्पन्न हुए और देखते-देखते वे व्यक्ति संसार के सर्वाधिक महान् व्यक्ति बन गये । शोध या खोज का यह प्रकार सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण तथा पूर्णतः मौलिक माना जाता है 1 केवल मौलिक आविष्कार ही मौलिक शोध की सीमा में नहीं आते, दार्शनिक चिन्तन की महती उपलब्धियाँ भी इसी श्रेणी में आती हैं। वैदिक ऋषियों ने अपनी ज्ञान- दृष्टि से जिन दार्शनिक तथ्यों का पता लगाया या प्रयोगशाला में गये बिना जो औषध - ज्ञान प्रस्तुत किया गया, वह मौलिक शोध की ही सीमा में आता है। विश्वविद्यालयों में बैठ कर इस प्रकार के शोध कार्य तब तक संभव नहीं हैं, जब तक निःस्वार्थ, निरहंकार, निर्लोभ भावों For Private And Personal Use Only

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