Book Title: Anusandhan Swarup evam Pravidhi
Author(s): Ramgopal Sharma
Publisher: Rajasthan Hindi Granth Academy

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Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मानविकी अनुसंधान की वैज्ञानिक पद्धति/29 वैज्ञानिक शोध पद्धति से किया गया शोध कार्य सदा किसी-न-किसी निष्कर्ष पर पहुँचाता है। अतः शोध का क्रम तभी सार्थक होता है जब किसी फल तक अध्ययन पहुंचे। कई शोधकर्ता मात्र विवेचन करके विषय का अध्ययन पूर्ण माने लेते हैं, जबकि उन्हें अपने विवेचन के परिणामों को भी क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए। वैज्ञानिक शोध पद्धति से किये गये शोध का कार्य अन्तिम पड़ाव है। जब हमारा विवेचन स्वतः कुछ निष्कर्षों को निष्पादित करने लगे तब हमें समझना चाहिए कि हमने शोध कार्य में पूर्णता की ओर चरण रखा है। अतः निष्कर्ष रूप में यही कहा जा सकता है कि शोध-कार्य आरंभ करने से पूर्व हम उसका उद्देश्य निर्धारित करें, तद्नुसार विषय का चयन हो और बहुत सोच-समझ कर उसकी परिकल्पना तैयार की जाये। उस परिकल्पना के अनुसार विषय का विभाजन व वर्गीकरण किया जाये। तदुपरान्त विषय की गंभीर व्याख्या एवं सप्रमाण तर्क-पुष्ट विवेचन करके मौलिक निष्कर्ष निकाले जाएँ, साथ ही इन समस्त अध्ययन स्तरों पर इस बात का बराबर ध्यान रहे कि हमारा शोध कार्य किसी भी सीमा तक व्यक्ति, समाज या राष्ट्र के हितों का विरोधी न होकर केवल जनहित का निष्पादन करने वाला सिद्ध हो। For Private And Personal Use Only

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