Book Title: Anusandhan Swarup evam Pravidhi
Author(s): Ramgopal Sharma
Publisher: Rajasthan Hindi Granth Academy

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Page 57
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाषिकी अनुसंधान-प्रविधि/47 भाषा-रूपों में साहित्य-रचना नहीं मिलती, केवल व्यवहार तक जो सीमित होते हैं, उनका अनुसंधान करने के लिए शोधार्थी को क्षेत्र-कार्य की पद्धति अपनानी पड़ती है। इस पद्धति के द्वारा भाषा-रूपों के स्रोतों तक पहुंच कर सामग्री एकत्र की जाती है और तदुपरान्त साहित्यिक प्रविधि से उस सामग्री का विश्लेषण, विवेचन एवं मूल्यांकन किया जाता है। अतः भाषिकी शोध के लिए मिश्रित शोध-पद्धति ही उपादेय सिद्ध होती है। क्षेत्र-कार्य भाषा के किस रूप की तात्विक शोध करना अभिप्रेत है, यह निर्धारित हो जाने के उपरान्त शोधकर्ता को यह निश्चित करना होता है कि उसकी तथ्य-सामग्री कहाँ उपलब्ध होगी-ग्रन्थों में या लोक-जीवन में ? यदि लोक-जीवन से भाषा की अभिप्रेत सामग्री एकत्र करनी होती है, तो उसे निम्नांकित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए : 1. सामग्री विषय से सम्बन्धित हो । अनर्गल और अनावश्यक तथ्य एकत्र न किए जाएँ। अतः इस कार्य के लिए सोच-समझ कर प्रश्नावली बनाई जाये। 2. प्रश्नावली ऐसी हो, जिसके निश्चित उत्तर मिल सकें। 3. उत्तर लिखने वाले व्यक्तियों को अरुचिकर प्रश्नावली न दी जाये। उत्तरों में भाषा-सम्बन्धी छानबीन मुख्य हो तथा उससे शब्दार्थ एवं उच्चारण की सही पकड़ की जा सके। 5. प्रश्नावली कम समय ले तथा धन का अधिक व्यय कराने वाली न हो। प्रश्नावली समाज के विभिन्न वर्गों से सम्बन्धित हो तथा अभिप्रेत क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित किया जाये। 7. ध्वनियों के शुद्ध उच्चारण को ग्रहण करने के लिए अपेक्षित यंत्रादि का यथावश्यक प्रयोग किया जाये। तथ्य-वर्गीकरण भाषिकी अनुसंधान के लिए प्राथमिक तथ्यों का संग्रह प्रामाणिक रूप से किया जाना चाहिए । जो तथ्य प्राप्त हों तथा उनका विषय को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त वर्गीकरण किया जाए। जो तथ्य प्राथमिकता की सीमा में नहीं आते, उन्हें भी अनावश्यक मानकर उपेक्षित नहीं कर देना चाहिए। प्राथमिक तथ्यों की पुष्टि में या सहायक तथ्यों के रूप में कभी-कभी उन तथ्यों का भी बहुत उपयोग हो जाता है जिनका शोधार्थी अनुपयोगी मानकर छोड़ देता है। प्राथमिक तथ्य स्वयं या अपने सहायक के माध्यम से ही एकत्र किए जाने चाहिएँ, ताकि उनकी प्राथमिकता बनी रहे । भाषिकी अनुसंधान में ऐसे तथ्य उपयोगी सिद्ध होते हैं, जो अन्य व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा प्रकाशित किये जा चुके हैं। हम ऐसे तथ्यों को द्वितीय वर्ग में रख सकते हैं। अनेक बार भाषिकी सम्बन्धी शोध-लेख, वार्ताएँ, भाषण, संगोष्ठियों की उपलब्धियों आदि से भी इस प्रकार के तथ्य एकत्र किये जा सकते हैं। For Private And Personal Use Only

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