Book Title: Anupan Manjari
Author(s): Vishram Acharya
Publisher: Gujarat Aayurved University

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org III Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस विभाग ने पूर्व वर्णित श्री गुलाबकु वरचा आयुर्वेद सोसायटी द्वारा सन १९४३के आसपास स्वीकृत और अनिवार्य कारणोंसे स्थगित श्री अनुपानमांजरी नामक पुस्तक के कार्य को प्रारंभ किया । इस विभाग के प्रथम अध्यक्ष श्री बह्मदत्त शर्माजी के मतानुसार भी यह अनुपानमंजरी नामक ग्रन्थ अष्टांग आयुर्वेदर्भे लुप्तप्रायः विष चिकित्सा और अनुपान सम्बन्धी नवीन ग्रन्थके रूपमें प्रकाशन योग्य माना गया । इस अनुपानमंजरीकी इस विभागको प्राप्त छ हस्त प्रतियोंको लेकर कार्य प्रारंभ करनेके पूर्व दूसरे विद्यासंस्थानों और विभिन्न पुस्तकालयोंसे इस पुस्तक के विषयमें अधिक विवरण और शक्य होने पर अधिक हस्तप्रति प्राप्त करनेके प्रयत्न प्रारंभ किये गये । इस योजना के अनुसार सहायक संशोधक श्री दत्तात्रेय वासुदेव पण्डितरावजीने विस्तृत पत्रव्यवहार किया । इस पत्रव्यवहारके परिणाम स्वरूप sfuser आफिस लायब्रेरी लंदनसे एक जीरोक्स कोपी प्राप्त की गई। इसके हमने इस प्रकाशनमेज पुस्तक के रूप में स्वीकृत किया है । इस प्रकार इस विभाग के पास श्री गुलाब कुंवरबा आयुर्वेद सोसायटी द्वारा प्राप्त दो मूल हस्तप्रति और दो अनुलेखन की गई हस्त For Private And Personal Use Only

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