Book Title: Anupan Manjari
Author(s): Vishram Acharya
Publisher: Gujarat Aayurved University

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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उद्दिष्ट कार्योंमें समाविष्ट किया गया। गुजरात राज्यके तत्कालीन आरोग्य मंत्री श्री मोहनभाई व्यासजीके सत्प्रयत्नोंसे गोंडल रसशाला औषध आश्रमके प्रथम स्थापक और वर्तमान भुवनेश्वरी पीठ के आचार्य श्री चरणतीर्थजी महाराजके अनुग्रहसे उनका प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थोंका भंडार गुजरात आयुर्वेद युनिवर्सिटी जामनगरको प्राप्त हुआ । ... इस प्रकार गुजरात आयुर्वेद युनिवर्सिटीको श्री गुलाबकुंवरथा आयुर्वेद सोसायटी और गुजरात सरकार द्वारा प्राप्त गोंडलके हस्तलिखित ग्रन्थोंका भंडार उचित उपयोगके लिए प्राप्त हुआ । पूर्वसे ही जामनगरमें संचालित आई. एस. आर. नामक आयुर्वेद संस्थासमूह गुजरात आयुर्वेद युनिवर्सिटी जामनगरके अधीन कर दिया गया । सन १९६९में युनिवर्सिटीके कार्योदेश्यके अनुसार आयुर्वेद के अष्टांगों के समुद्धार तथा नवीन साहित्य निर्माण के हेतु तत्कालीन कुलपति श्री मोहनलालजी व्यास के सत्प्रयत्नोंसे 'साहित्य संशोधन विभाग' की स्थापना की गई । इस विभागमें संस्कृत भाषामें लिखित हस्तप्रतियोंका सूची निर्माण और प्रत्येक हस्तप्रतिका विशिष्ट विवरण प्राप्त करनेके लिए एक आयोजन किया गया । इस योजनाके अनुसार युनि. ग्रन्थागार में उपलब्ध हस्तप्रतियों की विवरणात्मक सूची तैयार की गई । For Private And Personal Use Only

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