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VI
लायन्नेरी लन्दन के कार्यकर्ताओं ने भी यथायोग्यः सूचना - विवरण और योग्य पत्रोत्तर से मुझे उपकृत किया है ।
गुजरात आयुर्वेद युनिवर्सिटी जामनगरके कुलपति श्री गोरधनभाई पटेल ने हमारे साहित्य संशोधन विभाग द्वारा प्रस्तुत इस अनुपानमंजरीको इस युनिवर्सिटी के द्वितीय पदवीदान के शुभ अवसर पर प्रकाशित करनेका निर्णय देकर उपकृत किया है। तथा श्री चन्द्रकान्तजी शुक्ल, डीन, आई. पी. जी. आर. ने भी इस कार्यमें बहा सहयोग दिया है तदर्थ हम उन दोनों महानुभावों के आभारी हैं ।
हमारे अनुस्नातक विभागके द्रव्यगुण और रसशास्त्र विभागके अध्यक्षोंने भी विमर्शोमे यथासमय यथायोग्य सहायता देकर हमें उपकृत किया है।
मेरे परम प्रिय शिष्य उदयपुर निवासी श्री राजेन्द्र भटनागरी एच. पी. ए. के स्वास्थ्य मासिक के अक्तूबर १९७० के अंक में प्रकाशित लेख में राजस्थानमें प्राप्त अनुपानमंजरी की हस्ततियों का विवरण भी मेरे इस कार्य में उपकारी सिद्ध हुआ है । इस के लिए वे मेरे हार्दिक आशीर्वाद और शुभ कामना ओं के अधिकारी हैं ।
स्वातंत्र्य रजतोत्सव ता. १५-८-'७२
जामनगर.
वि. ज. ठाकर अध्यक्ष-मौलिकसिद्धान्त
अनुस्नातक केन्द्र गुजरात आयुर्वेद युनिवर्सिटी
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