Book Title: Ang Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Sagarmal Jain, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
View full book text
________________
प्रो. सागरमल जैन एवं डॉ. सुरेश सिसोदिया : XXVI आलेख मुख्यतः शौरसेणी प्राकृत में निबद्ध रहा अतः जन साधारण को दृष्टिवाद की विषयवस्तु से परिचित कराने हेतु स्व. आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी शास्त्री का एक आलेख उद्धृत कर यहाँ प्रस्तुत किया गया है।
अंग आगमों के भाषा विषयक अध्ययन हेतु प्रस्तुत कृति के अन्त में डॉ. जगतराम भट्टाचार्य का अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत महत्वपूर्ण आलेख किया गया है। इस प्रकार हमारी दृष्टि में प्रस्तुत कृति अंग आगमों और उनकी विषयवस्तु को लेकर जो एक बहुआयामी गम्भीर चिन्तन प्रस्तुत करती है वह निश्चित ही विद्वत् जगत को आगमिक दिशा में प्रेरित करेगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
सागरमल जैन सुरेश सिसोदिया
www.jainelibrary.org