Book Title: Ang Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Sagarmal Jain, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
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134 अंग साहित्य मनन और मीमांसा
(1) आलोचना
(2) प्रतिक्रमण
(3) तदुभय
तृणवनस्पति विवरण' . स्थानांग सूत्र 4/1/57 (1) अग्रबीज
(2) मूलबीज
(3) पर्वबीज
(4) स्कंधबीज
(4) विवेक (5) व्युत्सर्ग →
(6) तप
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(7) छेद
(8) मूल →
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अनवस्थाप्य
(5) बीजरुह
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(10) पारां
चिक
(6) संमूर्च्छिम
उपर्युक्त तालिका से ज्ञात होता है कि लोकस्थिति संबंधी 3/2/3/9 आदि तीन सूत्र, 8 / 114 सूत्र की उपस्थिति में अनावश्यक सिद्ध हो जाते हैं। इसी प्रकार 10/73 (प्रायश्चित) और 6/12 (तृणवनस्पति) की उपस्थिति में क्रमश: 3/4/448 आदि चार और 4/1/57 आदि दो सूत्र निरर्थक सिद्ध हो जाते हैं।
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