Book Title: Ang Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Sagarmal Jain, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
View full book text
________________
प्रो. सागरमल जैन एवं डॉ. सुरेश सिसोदिया : 133
4/2/259
6/36
8/14
पुनरावृत्ति हुई है। स्थानांग में पुनरावृत्त सभी पदार्थों का विवरण प्रस्तुत करने से पूर्व, विषय को स्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख उदाहरणों को प्रस्तुत किया जा सकता है। स्थानांग में लोकस्थिति का चार, प्रायश्चित का पाँच और तृण-वनस्पति का तीन स्थलों पर विवरण संगृहीत है, जिनको निम्न तालिकाओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है :लोकस्थिति विवरण :
स्थानांग 3/2/3/9 (1) आकाश पर वायु (2) वायु पर उदधि (3) उदधि पर पृथ्वी
(4) पृथ्वी पर → → त्रस और स्थावर
(5) अजीव जीव
पर प्रतिष्ठित , (6) जीव कर्मों पर प्रतिष्ठित →
(7) अजीव जीव द्वारा संगृहीत (8) जीव कर्म द्वारा
संगृहीत प्रायश्चित्त विवरण 3/4/448
6/198 /20 9/42 10/73
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org