Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 08
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ // अहम् // // अथ प्रकीर्णकानि // // 1 // अथ श्रीचतुःशरण-प्रकीर्णकम् // सावजजोगविरई 1 उकित्तण 2 गुणवो थ पडिवत्ती 3 / खलिअस्स निंदणा 4 वणतिगिच्छ 5 गुणधारणा चेव 6 // 1 // चारित्तस्स विसोही कीरइ सामाइएण किल इहयं / सावज्जेअरजोगाण वजणासेवणत्तणो॥२॥दसणायारविसोही चउवीमायथएण किबइ य। अचभुत्रगुणकित्तणस्वेण जिणवरिंदाणं // 3 // नाणाईश्रा उ गुणा तस्संपनपडिवत्तिकरणाश्रो / वंदणएणं विहिणा कीरइ सोही उ तेसिं तु // 4 // खलिश्रस्स य तेसि पुणो विहिणा जं निंदणाइ पडिकमणं / तेण पडिक्कमणेणं तेसिंपि श्र कीरए सोही // 5 // चरणाईयारा(इयाइया)णं जहकम्मं वणतिगिच्छरूवेणं / पडिकमणासुद्धाणं सोही तह काउसग्गेणं // 6 // गुणधारगरूवेणं पञ्चक्खाणेण तवइबारस्स / विरिपायारस्स पुणो सम्वेहिदि कीरए सोही / / ७॥गय 1 वसह 2 सीह 3 अभिसे दाम 5 ससी 6 दिणयरं 7 झयं 8 कुंभं 1 / पउमसर 10 सागर 11 विमाण-भवण 12 रयणुच्चय 13 सिहिं 14 च // 8 // अमरिंदनरिंदमुणिंद-वंदिनं वंदिउं महावीरं / कुसलाणुबंधि बंधुरमज्झयणं कित्तइस्सामि // 1 // उसरणगमण 1 दुक्कडगरिहा 2 सुकडाणुमोषणा 3 चेव / एस गणो अणवरयं कायबो कुसलहेउत्ति // 10 // अरिहंत सिद्ध साहू केवलिकहियो सुहावहो धम्मो। एए चउरो चउगइहरणा सरणं लहइ धन्नो // 11 // श्रह सो जिणभत्ति-भरुन्धरंतरोम-चकंचुकरालो / पहरिसपणउम्मीसं सीसंमि
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