Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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ठाणं
अंगसुत्ताणि शब्दसूची
ठावइतुं
२१,३५,३८,४०; १।६।२७; ११८।२,१२,११११११६; नाया० ११७, २५, १८६, २०६, २१३; १।२।२६, १११।१५, १६, २१; २।१।३५; २।२।१, २, १०, ५१; ११३।३५; ११७।४४; ११८७३; १६।५४, ११, १४, १८, ३२, ३३, ५५ से ५८, ६२, ६३, ७०, ५४।६; १।१३।४२; १३१४१५६; १।१६।२१, २६, ७१, ७४,७५, ७६; २।५।३, ५, ७.६, ११, २६, ११४,११५,११६, ३२७; १।१६।४६,४८, २।१।११, ३३; २।६।५१; २।७।१०, ११, १३, १५, १६, २५. १६, ३४, ३५, ३८, ३६, ५४,२।१०।८. अंत०६।४१, ठा० २।४० से ७३,१६२, १६३, १६३ से २०६,२०८,
८४; ८।२०. अणु०३।७५. पण्हा०६।३, १७१०१, २२० से २२५, ३६४ से ४०४, ४६१, ४६२; ३३१७ ८. विवा०११।२५; १।६।५, ३२ से २०, ६६से ७६, ८१ से ८६, ८८ ६३, ३१५, ३१६, ठाणओ [स्थानतस्] सू० १११४१५ ३३८ से ३४३, ३४७, ३५०, ३५६ से ३६६, ३८३, ठाणंतर [स्थानान्तर] सम०८४।१५ ३८४,३८६, ३८८, ३८६, ४६४, ४६५,४६६, ४६७, ठाणग[स्थानक] सम०प्र० ६२ ५२३, ५२४, ५४० ; ४।५८, ८० से ८३, ६२ से ६४, ठाणगुण [स्थानगुण] ठा०५।१७१. भ० २।१२६ १४५, २५४, २५५, २७४, ४३३ से ४४२, ४४४ से ठाणपद [स्थानपद] भ ० २।११७, १५३।१, १५२१०१; ४४६, ४६८, ५६७ से ५७०, ५७६ से ५८२, ६२१ १७।६५; ३४१३३, ४३ से ६२३, ६२८ से ६३१ ; ५।६ से १७, २१, २२, ३२ ठाणपडिमा [स्थानप्रतिमा] ठा० ४।४६० से ४७, ७३, ७४, ६८, ६६, १००, १०२ से १०८, ठाणभट्ट [स्थानभ्रष्ट] नाया० १।६।१० १२८, १२६, १३३,१३४, १६४, १६५, १६७, १६५, ठाणमग्गणा [स्थानमार्गणा] भ० २।४ २०१, २२३, २२४; ६।१ से ५, ४१, ४२, ४३; ७६, ठाणय [स्थानक] भ० १३।७३ ।। ७, २८, २६, ६६, ७०,७८, १३५, १३६, ८।१, ६, ठाणलक्खण [स्थानलक्षण] भ० १३।५७ १०, १८, १६, २५, १११ ; ६।१, ३, ४, १२, १३; ठाणसत्तिक्कय [स्थानसप्तकक] आ० चू० अ० १०।६;७.१२, ७१, ७२, १०३, १०६, १३३, १४०, ठाणसमवायधर [स्थानसमवायधर] ठा०३।१८७ १४१, १५६, १७३. सम० १।२; ६।१, २; १८।३; ठाणाइय [स्थानायतिक] सू० २।२।६६. पण्हा० ६।६ २१११:५७।१; प्र०८८, ८६, ६१.भ० ११७,१७४।१, ठाणातिय [स्थानायतिक] ठा०२४२७१४६ २१५।४, २१६, २१६, २४५ से २४७, २४६, २५१, ठाणादीय [स्थानायतिक] भ० २५।५७१ २५३, २६८; २।३०, ६८, ११७,१६२, २१६, २२०; ठाणि [स्थानिन् ] सू० १।८।१२ ४।८।१; ५।१३४, १३६, १४१, १४३, १४५, १६८, ठाणिज्ज [स्थानीय] विवा० १।६।३६ से ४१, ४३, ४४ १७०, १८१, १८१।१; ७।२०१; ८।६६, २५१ से ठाणुक्कडिय [स्थानोत्कटुक] पण्हा० ६।६ २५४; ६।२३४, २३५, २४०, २४३; १०।१६; ठाणुक्कुडुय [स्थानोत्कटुक] भ०२।६२.नाया०१।१।२०० १११६४।१; १३।१६, २१, ३८, ५७, ८३, १२१, ठाव [स्थापय ]-ठाइव, भ०५।१३४.नाया०१२।३८. १६६; १४।६१ से ६७, १०६, १४६; १५॥१८८% -ठावए, आ० ८।८।२१. -ठाविज्जंति, सम०प्र० १६।५४, १०६; १८१२४, २५, ३०, ८१, १०३; ६१.-ठाविज्जति,सम०प्र०६०.-ठावेइ,भ० ३।३३. २०१७५, ८३, ८७; २४११८६, १६०, २४७, ३४६, नाया० १।२।२७. विवा० ११२।३८. -ठावेति, भ० ३४७; २५।२०३ से २०६, २२६ से २२८, २३०, १६७१. नाया०१।५।११८. उवा० ११५६.-ठावेमि. ३४६ से ३४८, ३५० से ३६२, ४८६ से ४८६, ४६१ भ० १३।१०८. नाया० शरा२६. -ठावेमो, नाया० से ४६५, ५३३, ५५४, ५६५, ६२०; २६।१।१, ३०, १।१६।३१०. –ठावेह, भ०१८।४७. नाया०१।८।१४. ५५; २६।३; ३०६, २५, २७, ३४, ३६, ३४।६, -ठावेहि, नाया० १।१२।४५ ८, १७, २३, २६, ३२, ३३, ४३, ५२, ५७, ६५. ठावइत्तु [स्थापयितु] ठा० ३।८७; ४।२४८
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