Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 689
________________ विसज्जिय आगम शब्दकोश विसाएमाण ज्जेमि, नाया० १११४१५१ १७, २६; ८।११. विवा० १॥३॥६, ४७, ५० विसज्जिय [विसजित] नाया० ११८।१६१ ; १।१३।२४; विसमंत [विषमान्त] सू० १।१।३६ १।१६।१८२, २८८. विवा० १।३१५७ विसमचारि [विषमचारिन् ] ठा० ५।२१३।२ विसज्जेत्ता [विसृज्य] भ० ७।२०३ विसमजोगि[विषमयोगिन् ] भ० २५४४, ५ विसट्टमाण [विकसत् ] ठा० ४।५१४. भ० ८।८८से ६१ विसमाउय [विषमाय ष्क] भ० ११७३, ६६; २९।२; विसण्ण [विषण्ण] आ० ६।१२, १०६. सू० १।५।४३; ३४१४० १।१०।४, ७, ८; १।१२।१४; २।१।६ से १०, २२,३१, विसमाय [विषमक] भ० २६।१, २, ६, ७ ३८, ४७,४८. नाया० १११११६०. पण्हा० ३।२३ विसमेह[ विषमेघ] भ० ७।११७ विसण्णासि | विषण्णासिन् ] सू० ११३७८ विसमोववन्नग [विधमोपपन्नक] भ० १७३, ६६; विसण्णेसि [ विषण्णपिन् ] सू० १।४।२६ २६।२७; ३४१४०, ४८ विसद[विशद] नाया० १।१।२४. पण्हा० ४१५,७ विसय [विषय] आ० चू० १५१७२ से ७६. सू०१।४।३१; विसनंदी [विश्वनन्दी] सम० प्र० २४२।३ १।१०।१३; १।११।२८; १।१२।१४; २।२।१८. ठा० विसपरिणाम[विषपरिणाम] ठा० ६।११० ३।३६४; ४१५१४; ६।४४.सम०३०११।१४; प्र० ६४, विसपिहाण[विष पिधान] ठा० ४१५६६।३, ४ ६७, १४६, १७१।१. भ० ११२६४; ३।४, ५, १६ से विसप्पमाण [ विसर्पत् ] भ० २।४३, ५२, ६८, ६७, ६६; १८, २१, २२, ८३, ८६, ८८, ८६, ११५, ११६, ३।११०५।८३,८८६।१३६,१४०,१४२, ११।१३३, ११६, १२२, १६६, २७६; २६४, १४७; ६।१३२; १३४, १४८; १२।३४,१२२५, ३२, ३६,४८,१३८, ८८८ से ६१, १८४ से १६१, ६।१७४, १७८, १७६%; १५३, १६।६१; १८।१३८. नाया० १११।१६ से २१, १३।५०; १४।३; १५९८; २०१५६, ६०, ८१ से ८३, २३, २६, २७, २९, ३०, ३२, ५०,५१, ६२, ७७, ८५, ८७; २५१५७३, ६८१. नाया० १११।२४, ११२, १२४, १२६, १६१, २०६; ११२।१४, १८, ६६; ११४; १२२१७६;१।४।२३।१,११५।१६१।८।२३६।१, ११५४१३, १५, १६,४५; १११६।१३५; २।१।११,२०, २; १९५४१४; ११५।२२।३, ४, १।१७।३६।१६ २१, २४, २५. उवा० ११२३, ४६, ४८, ५१,७४,७६; से २०, ३७४२, ४; १।१८।४८, ६०, ६१, ६२।२.अंत० २।१३, ४८,३।१३; ४१३; ५११३; ६।१३; ७।३०, ३७२, ७७. पण्हा० ११२१, २१५, १२, ३।३, १३; ३४, ३७, ८।१४, ४८; ६।१३; १०।१३. अंत०३।२५, ४18 ४२; ५।२१. पहा० ४१८. विवा० १।१।२६ विसय [विशद] भ० ११।१३३. नाया० १।१६।१६३ विसभ विषभ सम० ६३।३।। विसरंत [विसरत् ] नाया० १६१० विसभक्खण [ विषभक्षण] ठा० २।४१२. भ० २।४६; विसरा विसरा विवा० १।१६ १३३१४२ विसल्लकरण[विशल्यकरण] विवा० १।८।२३ विसभक्खणट्ठाण[विष भक्षणस्थान] आ० चू० १०।१६ विसल्लकरणी[ विशल्यकरणी] सू० २।२।१८ विसभूय विषभूत] नाया० १।१६।८, १६ विसवाणिज्ज[विषवाणिज्य] भ० ८।२४२.उवा० ११३८ विसम [विषम ] आ० चू० १।२६; ५३ ; २।१२, ७२, ७६; विसह [विषह] सू० २।२।६४. नाया० १।५।३५. पण्हा० ८.१२, २६, ३०; ६।१२; १०११७.सू०१।१।६१,१।२।२०, १।२४ ३६; ११५१४५; २।२।६१. ठा० ४।२४०।२; ५।१६५, विसाएमाण [ विस्वादयत् ] नाया० ११११८१; १।२।१४, २१३।३७।४८१६. भ०३३९५, १८८, १८६५।१६३; १७, २०; १।३।१५; १।१२।४, २२:१११८१३३.उवा० ७.११७, ११६१५११०२;२०।१६. नाया००२।११, ८२०, २४.विवा०१।२।२४, २६, २६,४११०३।२१, १।१८।१८.पण्हा० ११२३, ३०; २११३; ३३१,७,६, २४,२८, ४७,६०,१।४।१६,११७।१६,२७; १।८।१२, ६७४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840