Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 726
________________ सण्णवणा अंगसुत्ताणि शब्दसूची सणिवेस सण्णवणा [संज्ञापना] भ० ६।१७७,१७९. नाया० सण्णिगास [सन्निकाश] भ० २५॥३५० से ३६१,४६१, ११११११२, ११४; ११५११६१।१६।१८. उवा०७१५३ ४६३. नाया० १।१।१३५, २०४, २०६; ११५।१२७; अंत० ३।७२, ७७, ६६३८, ६५ १।१६।२५६, २५८ सण्णवित्तए [संज्ञापयितुम् ] नाया० १११।११२. अंत० सण्णिचय [सन्निचय] आ० चू० ११२१ से २४. सू० ३१७२ २।१।६६; २।२।५०. भ० ३।२६८ सण्णवेत्तए [संज्ञापयितुम् ] सू० १।२।१७, १८. भ० सण्णिणाय [ सन्निनाद] भ० ६।१८२. नाया० १।१।३३ ६।१७७ सण्णिनाण [संज्ञिज्ञान] सम०१०।२ सण्णा [संज्ञा] आ० १।१. सू० १।५।६; २।१।३५,५१; सण्णिपंचिदिय [संज्ञिपंचेंद्रिय] सू० २।४।६ २।२।३५; २।४।१७; २।५।१२ से २६. ठा० ११३०; सण्णिपंचिदियपढमसमयउह सय[संज्ञिपंचेन्द्रियप्रथम३।१८५; ४१५७८; १०।१०५, १०६. सम० ४।४.भ. _समयोद्देशक] भ० ४०।१२ १११६५; २६८।२, ४११, ७।१६१, १६।१३, १४ । भ० १६६६, ६५; १८७० १४; २०१३,५,६; २४।१।२, १७, १२१, १६७,१८४ सण्णिमहाजुम्मसत [सचिमहायुग्मशत] भ०४०।४६ सण्णिरुद्ध [ सन्निरुद्ध] आ० चू० ८२० २१०; २५।२७८।२, ४०६,४१०, ५२२, २६।१।१, सण्णिवइय [ सन्निपतित] आ० चू० ११६१ ४०।२०. पण्हा०४।१०; १७; १०।१ सण्णिवडिय [सन्निपतित] अंत० ३।१०६ सण्णाह [सं+नह.] -सण्णाहेति, भ० ७१७५. सण्णिवयमाण[ सन्निपतत् आ० चू० १।४०, ५४५; -सण्णाहेह, भ०७।१७४. नाया० १।१६।१३६ ६५३ सण्णाहपट्ट [सन्नाहपट्ट ] भ० ७।२०३, २०४ सण्णिवाइय [सन्निपातिक भ० २५२७५, २७६. सण्णाहेत्ता सन्नह्य] भ०७।१७४. नाया० १४१६४१३६ नाया० १।१।२०६ सण्णि[संज्ञिन् ] आ० चू० १५॥३३. सू० २।४।८,६,१६, सण्णिवाडिय [ सन्निपातित] नाया० १।१६।२७६ १८,१६. ठा० २।१८५; ३।३१८; ६।१२१, १२२; सण्णिवात [सन्पिनात] आ० चू० १५६, ४०. ठा० ७।३७. भ० ११३५४; ६।३६, ६३, ६३।१; ८।१३८ ४।४३६ १८७; १११२७; १३।३ से ५; १५।१८६; १८।१०, सणिवातिय[सान्निपातिक] ठा० ४१५१५; ६।१२४ २६; २४।३, ५४ से ५७, ६२, ६३, ६६, ७२, ७६, सण्णिवाय [ सन्निपात] ठा० ३७६. भ० ६।१५७. अणु० ७८,८०,६१से६६,१०५,१०६,११६,१२०,१३१,१३२ ३३११. पण्हा०१० १३४ से १३६, १३६, १४०, १४५, १४६, १५२ से सण्णिविद [ सन्निविष्ट ] आ० चू० १।४१; ३।४३. सू० १५५, १५८,१५६, १६१,१६५, १६७,१६८, २००, २।७।२, ५. भ० ७।२१३, २१८; ६।१६१११।१५७, २०२, २०३, २३३, २४२ २४६, २६१, २६३, २६४ १७५; १८/१३५. नाया० १११११२६, १३०, ११३७; २६७, २७१, २७३, २७५, २७६, २७६, ३००,३१६, १५।११८; ११८।११, ४०, ११६, २११, १११३०२० ३१७, ३२० ३२२ से ३२४,३३०, ३३२, ३३३,३३६ से २४; १।१६।१४७, १७५; १११८।१८. अणु० ३१७. ३४२, ३४४ से ३४७, ३५०, ३५४; २५।२, ३; पण्हा० ४।१३,५८ ३।१०. नाया० १११६।३१. पण्हा०११२१ सण्णिवेस [सन्निवेश] आ० ८।१०६, १२६. आ० चू० सण्णिकाय [सज्ञिकाय [ सू०२।४।१८।। १।२८, ३४, १२२, २।१३।२, ४५, ५७, ५८७।२; सण्णिकास [सन्निकाश] ठा० ६।६२. भ० ६।१६६; ८१. सू० २।२।७. ठा० २।३६०; ५।२१, २२, १०७. १५॥१७२ भ०११४६;३१३०,१००से १०२, १०४, २४०,२४१, सण्णिगब्भ [संज्ञिगर्भ] भ० १५१०१ २४३; ६७७, ६४, १३६ से १४६; ८।१०३, १०॥५३, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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