Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 831
________________ आगम शब्दकोश शब्द अणुपस्सि अणुपालेमाण अणुप्पदाण अणुभागणाम अणुवेहमाण अणुव्वतिय अणुव्वय अणुसास अणुसोय अणुस्सरंत अणेगजीविय अशुद्ध (अनुदर्शिन) (अनुपालयद्) (अनुपदान) (अनुभागनाम्) (अनुपेक्षमाण) (अनुवतिक) (अनुव्रत) (अनु+शास) (अनु-शुच) (अनुसरत) (अनेक जीविक) अणेगविहि (अन्य ग्लायक) अण्णइलाय अण्णइलायचरय -ढा० अण्णविहि अत्थमण अथिरनाम अदूरगय अद्दहिय (अनुदशिन्) (अनुपालयत्) (अनुप्रदान) (अनुभागनामन्) (अनुप्रेक्षमाण) (अणुव्रतिक) (अणुव्रत) (अनु+शास्) (अनु+शुच्) (अनुसरत्) (अनेकजीविक) अणेगविह (अन्नग्लायक) ठा० अण्णाणया (अन्नविधि) भ० ८।३२६ से ३३१ (अस्थिरनामन्) (अदूरगत) (दे०) अपडिलेहिय (अप्रमाजितचारिन्) (अप्रतिकर्मन्) अप्पडिहयगति (अल्पाकीर्ण) (अभि+ ग्रह) (अभिनन्द्यमान) आ०५।१११ (अमुच्यमान) (अयस्पात्र) (अर्ह.) (अर्ह) (अपकर्ष) (अपार्ध) (अवमर्दक) अपमज्जियचारि अप्पडिकम्म अण्णाणाया (अन्यविधि) भ० ८।३ (अस्थिरनाम) (अदूगरत) (आहित) अणडिलेहिय (अप्रजितचारिन्) (अपतिकर्मन्) अप्पडियहगति (अल्पाकीण) (अभि+ग्रह) (अभनन्द्यमान) आ० ४११० (अमुच्यत्) (अयस्) (पात्र) (अर्ह) (अह.) (अपकष) (अपाध) (अवमदक) अप्पाइण्ण अभिगेह अभिनंदिज्जमाण अभिभूय अमुच्चमाण अयस (पत्त) अरह अरिह अवकरिस अवड्ढ अवमद्दग ८१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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