Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 748
________________ सम्मद्दिट्ठि अंगसुत्ताणि शब्दसूची सय सम्महिट्टि [सम्यग्दृष्टि ] ठा० ३।३१८. भ० ३।७२, सम्मामिच्छदसण [सम्यग्मिथ्यादर्शन] ठा० ७७६; ७३; ६।६३, ११।१३; १३।१४ से १७,३७ ८।३८. भ० ११२३३ सम्मद्दिट्ठिय [सम्यग्दृष्टिक ] ठा० १।१७०, १७३, सम्मामिच्छदिट्टि [सम्यमिथ्यादृष्टि] सम० १४।५; १७६, १८१, १८३, २०७; २।१८७; ४१६१८,६१६ प्र०१६४. भ० १७१, ८५, ६७, २३०; ६॥३८, ६३; सम्मपओग [सम्यक्प्रयोग] ठा० ३।३६४ । ११११३;१२।११७; १३।१५से१७; १७।३०; १८।१२, सम्ममिच्छत्तवेयणिज्ज [सम्यङ मिथ्यात्ववेदनीय] २८; १६७; २०१२०,२४६७, ३१०; ३०१६, २०, सम०२८२ २६,३४,४२; ३५६;३६।१ सम्मय [सम्मत] आ०८।११. ठा०१०।८६।१.सम०प्र० सम्मामिच्छद्दिट्ठिय [सम्यग्मिथ्यादृष्टिक] ठा० ६८. भ० २१५२; ६।१५०, २१४. नाया० १।१।१७, १।१७२,१७५, १८५, २०६ . १०६, १०७, १४५, १५४, २०६; १।५।२०,३०.अंत० सम्मामिच्छपओग [सम्यग्मिथ्याप्रयोग]ठा० ३।३६४ ३।६८, ६६ सम्मामिच्छरुइ [ सम्यग्मिथ्यारुचि] ठा० ३।३६३ सम्मरुइ [सम्यग्रुचि ठा० ३।३६३ सम्मामिच्छादिट्टि [सम्यग्मिथ्यादृष्टि ] ठा०३।३७० सम्मा [शर्मा, सम्या] सम०प्र०२३३।१ सम्मामिच्छाइंसण [सम्यग्मिथ्यादर्शन ] ठा० ३।३६२. सम्माण [सम्मान] भ०१४१३२,३३,३५,२५१५८५ । भ०८।१४२,१६० सम्माण [सं-+-मानय् ] -सम्माणावेति, ठा०४।११४. सम्मामिच्छादिट्टि [सम्यग्मिथ्यादृष्टि] ठा० ३।३१८. -सम्माणेइ,सू०२।७।३३.भ०३३३३.नाया०१।१।३०. भ० १३॥३७; १६६६; २०१५६; २४।१३,१२१,१६७, उवा०११५७.विवा०११३३५४.-सम्माणेति,भ०३१५१. १८४,१८७,३३८,३४२,२६७, १७,१६,२४,४०११, नाया० ११०८७. -सम्माणेज्जाहि, उवा० ७।१०. ३६ -सम्माणेति,ठा० ४।११४. भ० १५।१११.----सम्मा- सम्मावादि [सम्यग्वादिन् ] भ० १५।११५; १६॥३६ णेमि, ठा० ३१६२. उवा०११२०.अंत०६।३५.-सम्मा- सम्मावाय [सम्यग्वाद] ठा०४।२४८; १०६२ णेमो,भ० २।३०. नाया० १।१३।३८. विवा० ११११२१ सम्मिय [सम्मित ] नाया० १११११५६,१६७ -सम्माण स्सामि, उवा० ७।११. --सम्माणेह, भ० सम्मिस्सिभाव [संमिश्रीभाव] आ० चू० १।३२. सू० १८।४७. नाया० १२११४८. -सम्माणेहि, नाया० १।१०।१५ १।१४।६०. उवा० ११४५ सम्मुच्छ [सं + मूर्च्छ ] -सम्मुच्छंति, भ० ६७८ सम्माणणिज्ज [सम्माननीय] भ० १०।६८. नाया० सम्मुच्छण [सम्मूर्छन] नाया० १।६।१५ १।२७६; १।३।३४; १।४।२२,१॥५॥१२६; १७।२७, सम्मुच्छिम [सम्मूच्छिम] सम०७२।८;प्र० २०४,२०६. ३०, ३५,४३, १।१६।४७. उवा०७।१०, ११,१८,४५ भ०५।६२ सम्माणित्तए [सम्मानयितम] नाया० २।१।१२ सम्मेय सम्मेत ] नाया० १।२३४ सम्माणिय [सम्मानित भ०११।१४०,१४५; १२।१५५; सम्मोहत्ता [सम्मोहता] ठा०४।५६६ १४।१०१,१०३, १०५. नाया० १।१।२७, ५२, ६८, सय [शत] आ० चू० १५।२६।३; १५।२८।१७. सू० ७२; ११८३३ १।२।६२; ११५।२६; १।६।१०; ११७४; २।२।७६; सम्माणेत्ता[सम्मान्य भ०२।३१.नाया०१।१।३०. उवा० २७४२,५.ठा० ११२४८. भ० २६१२१, २१३, ३।१।१, ११५७ ४।१११, ४, ५३१११, ११५, ६।१११, ७।१।१; सम्मादिट्टि [सम्यग्दृष्टि] ठा० ३।३७०. भ० १९६६ ८८३, २२१, ३५३; ६।१; १०११११, ६४, ६५, सम्मामिच्छत्त [सम्यमिथ्यात्व] भ० १८।१२; ६७; १११७५, १०२, १२।१११, १२७, १३३; २६।२५ से २७, ३०, ५५; ३०।२५,४०।३८ १३।८, २५,६६; १६।३३, ११०, १११, ११३, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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