Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
सय
आगम शब्दकोश
सयंवर
१२५; १७।६५, ८२, ८७; १८।३८,३६,४१, ४२, २।११३४.- सयंति,भ०६।१३५. नाया० १३१७१२२. १६।१११, २०।११, १२, २६, ३०, ३६, ४२, ५०, -सयसि, नाया०२।११३५ २४।११३; २५१, ६५,१०४, २७६, ६२१, ३११५;
-सयइ, सू०२।२।३१. -सयति, आ०चू० ३३।४४,४६,५६से५८; ३४।६०,६५,६६ ; ३५।५१,५३, १११३८ ५७, ६०,६२, ६४,६६;३६।८, १०, ३७११; ३८।१; सयं [स्वयं] आ० १।२२, ३३, ३९, ४५,६४,६६,७६,८५ ३६।१; ४०।१७, २१, २३, २५, ३२, ३४, ४२,४५. १०४,११६, १३१, १४३, १५५, १६७,१७६; २१४६; नाया० ११११४. उवा० ११३, २८, ६६,७६,७६, ७६, ८.१८,६११६,१७, ६।४।८,१६.आ००११२५,१०१, १८. अंत०३।६६, ६७,१०४।५।२५; ८।२३,३२.अणु० १३१, १४१ से १४७, १५१ से १५४, २१६३, ६४; ३७. विवा० ११११२
३।१८,२६,६१, ५।१७ से २०,५०, ६।१६ से १६, सय [स्वक] आ०२।१५१, १५२. आ० चू०५।२२; ६।२१; ५८;७।२,५,७, ६; १५१४३, ५०,५७, ६४,७१. सू०
१०११; १५२७. सू०११२।७२; ११३१७८, १०८।१६; १।१३,१०,२६,३०,११२।४; ११४।१६,५१,११५२४६; २।७।१०.ठा०४।४५०,४५१.भ०१॥३७०,३७२, २।९७; १।१०।२२; १।१२।११, १।१३।१६; २।१।२२, ३१, ३।१७,२१,६७,१६५,१०७८,१११६४,६६,६८,७०, ३८,४७,५४,६२से ६५; २।२।३,४,५,८,९,१०,१२,१३, ७२,१३५,१४०,१४४, १७८,१२।६,१६,१३।११०% २२ से २५, ३८, ४६ से ४६,५८; १४।१७. ठा० १४।७५; १५॥४, ११४, १२७, १४१, १६१७१; ३।३५०,६५,६।६२. सम०१८॥१.भ०११५३.नाया० १९१४५, ४७, १३८, २०४. नाया०१।१।२१,२७,३२, १।१।१६. पण्हा० २।६. विवा० १।२।३८ ५२, ६०, ६६, १०२, १६०, १७४; ११२।१४,२७,२६, सयं [स्वकम् ] सू० १।१।४१, ४३, ५०, ६८, ७२,७३; ३१, ३३,३८, ५३,५६, ५८,६०,६३,११३१५, १६,२८, ११३।२३, २।६।११ ३३; १।४।१०; ११५८८, ६१; ११७।६, ४०; सयंगाह [स्वयंग्राह] पण्हा०१०७ १।८।१४, ६३,११८, १६०, १६१,१७७से१७६,१८७; सयंजल [स्वयंज्वल, शतञ्जल] ठा०१०।१४३।१.सम० २०२; १।९।२५, ४७; १।१२।१२, ४४; १११३।३०; प्र०२१७११. भ० ३।२४८, २६१ १।१४।३०,६९,७१,७२; १।१६।१०,२८,२६,४१,४४, सयंपभ [स्वयंप्रभ] ठा० २।३२५; ७।६१।१, ६४।१. ४८, ५०, ५८, ७०,७४,८३,१३३,१४६,१५०, १६५, सम०१६।३।१प्र० २१६।१, २४६।१,२५१।१. भ. १६६, १७८, २०७, २१८, २६०, २६१, ३११, १०६५ १।१८।३६; १।१६।१३. उवा० १११३, २०,५७,६०; सयंबुद्ध [स्वयंबुद्ध] ठा०२।११७, ११८ २।५, १०, १८,१६, ४३; ३।५,१०, १८, १६ ; ४।५, सयंबुद्धसिद्ध [स्वयंबुद्धसिद्ध] ठा० १।२१८ १०, १८, १९, २५, १०,१८,१६; ६१५,१०,२६,३३,
६।१४; प्र०६०।४,२३२२, ३४; ७.३१, ५४,५५, ८1५,११,१८,१६, २५, २६; २४१।१. भ० २०११७. पण्हा० २।६ ६।५,१०,१८,१६:१०१५,१०,१८,१६.अंत०३।४२,५८, सयंभुरमण [स्वयंभरमण] ठा० ३३१३३, १३४. सम० ६४,१०७,१०८,११०, ५।१६,२२,२६ से २८; ६।१६, ६।१४. भ०६।१५६; ६।५; १११७७; १२१११३. ३६, ५२, ७७, ८१, ६४. अणु० ३।१६, २०. विवा० पण्हा० ६२ श११५५; ११२।१४,२८, ४०; १।३।१३,१४११२;
१२६६. भ० २०१७ १७।२१; १।६।३६;२।१।२२
सयंभूरमण [स्वयंभूरमण] ठा०३।४८१. भ० ६।१५६; . सय [सत्]भ० १।३१३
६।५; १११७७; १२।११३ सय [शी] --सइस्समो,भ०१०।४०.-सए, आ०८।८।१३. सयंभरमणसमुद्द[स्वयंभूरमणसमुद्र] भ०११।८१, ६३
-सज्जा , आ० चू० २।७३. - सय इ, नाया० स्यंवर [स्वयम्वर] नाया० १।१६।१३१, १३२, १३४,
७३४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840